Covid19 Story

कोरोना( Covid-19) एक संक्रामक बीमारी है! इसे नावेल कोरोना वायरस 2019 के नाम से भी जाना जाता है! इसका पूरा नाम SARS-cov2 means severe acute respiratory syndrome coronovirus-2 है! 11 फरवरी 2020 को  यह नाम इंटरनेशनल कमेटी ऑन टेक्सोनोमी ऑफ़  वायरस (ICTU) ने दिया ! कोरोना वायरस का एक बड़ा विस्तृत  वायरस परिवार है,जो मानव और जानवरों विशेषतौर पर (ऊंट – मार्स जो कि मिडिल ईस्ट में फैला! कैटल , कैट, बैट यानि की चमगादर ( जिससे की कोविड -19 फैला) आते हैं! मुख्य रूप से ये सात प्रकार  के हैं! अल्फा, बीटा,मार्स. सार्स, सार्स कोविड-2  होता है! SARS का मतलब होता है- severe acute respiratory syndrome.  SARS cov2 की शुरुआत साल  2019 से माना जाता है! यह मुख्यतः  जानवरों से इंसानों  और फिर मानव से मानव में फैलता है!  पूर्व में इसको 2019 ncov से भी जाना जाता था! दिसम्बर 2019 में यह वायरस respiratory system के  upper and lower parts  में इन्फेक्शन से चीन के हुंवई  प्रांत के वुहान शहर में सीफूड मार्किट और उसके पास के  लैब से इसके फैलने की पुष्टि हुई ! जो बाद में साइंटिफिक फैक्ट की अनदेखी की वजह से और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की लापरवाही के कारण पूरी दुनिया में फैलता गया! वैसे  इसके संक्रमण का ठोस आधार नहीं है! शुरुआत में इसका कारण सांप के कच्चे मीट को बताया गया, लेकिन बाद में बैट यानी चमगादड़ से इसके फैलने की पुष्टि हुई!
कैसे फैलता है कोरोना :-  Droplet se- effected person के  खांसी,सर्दी की बूंदों या उसके नजदीक संपर्क में आने या उसके नजदीकी संपर्क वाली वस्तुओं के संपर्क में आने से यह एक शृंखला बनाकर चलता है! कुछ लोग इसके हवा से फैलने को लेकर अफवाह फैला रहे हैं,जबकि अभी तक इसका कोई भी ठोस आधार नहीं मिला है! हाँ, पर टॉयलेट्स,उरिनल्स, नल, दरवाजों के हैंडल, कपड़ों से फैलने के प्रमाण जरूर हैं! सामान्य तौर पर इसके लक्षण विकसित होने में 2-14 दिन का वक़्त लगता है! शुरुआत में रोगी सामान्य ही दीखता है! लेकिन लक्षण विकसित होने पर सांस लेने में समस्या शुरू होने लगती है! ऐसा देखा गया है कि इससे पीड़ित होने वाले 81% रोगियों में mild illnesses जैसे ही लक्षण थे! गंभीर रूप से बीमार का प्रतिशत केवल 14 %  ही था ! वही 5  % लोग ही अत्यंत गंभीर रूप से इससे पीड़ित थे! तथा मौत का आंकड़ा केवल 2%-3 % या उससे थोड़ा  ज्यादा का रहा! अभी तक यह बीमारी अन्टार्टिका को छोड़कर  दुनिया के लगभग सारे देशों में 22,56,844लोगों को प्रभावित करते हुए 1,54,350 लोगों को मृत्यु का शिकार बना चुका है! कई देशों के वैज्ञानिक इसके टीके के विकास में लगे हुए हैं, भारत में रिपोर्ट लिखे जाने तक 32 राज्यों में 14 ,793 लोग प्रभावित हो चुके हैं! और 496 लोग मृत्यु के गाल में समा चुके हैं! ऐसा देखा गया है की जो गंभीर रूप से पीड़ित थे वो 40 साल के आस पास या उससे ऊपर के थे! तथा जिन्हें पहले से किसी भी प्रकार की स्वांश या शुगर की बीमारी थी , मृत्यु  के शिकार ज्यादा  हुए! बच्चों में और 30 तक या उससे नीचे के आयु वर्ग में यह बेहद न्यूनतम है! तथा इनमें गंभीर रोगी भी कम हैं!  पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं इस रोग से कम पीड़ित हैं!
लक्षण— बुखार,थकान,सूखी खांसी, सूखा कफ ,दर्द,बेरुखी, सरदर्द,गले में खराश,गैस की समस्या, साँसों में दिक्कत आना है!
बचाव– अभी तक इसका पक्का उपचार नहीं है! हाँ, इसके लक्षणों के आधार पर इसका उपचार किया  जा रहा है! शुरुआती दौर में डॉक्टर पेरासिटामोल,और गंभीर केसों में मलेरिआ में काम आने वाली दावा हाइड्रॉक्सीकोलोरो क्वीन जैसी दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं! और डॉक्टर्स इसके prevention is better than cure formulae   के तहत सामाजिक दूरी, सेनिटिज़ेशन,व्यक्तिगत और सामाजिक साफ सफाई पर ज्यादा जोर देने को कह रहे हैं! व्यक्तिगत साफ सफाई के तहत हाथों की साबुन , या अलकोहल,स्पिरिट के घोल से हाथों की अच्छी तरह कम से कम 20 सेकंड तक की सफाई,मास्क का प्रयोग, या किसी कपडे जैसे कि गमछा, रुमाल , ओढ़नी , आदि का इस हेतु उपयोग, हाथों से मुँह ,नाक , कान,को छूने से रोकना, खांसी  सर्दी की छींक की बूंदों को अपने मस्सल को साथ लगाकर रोकना आदि को अपनाने की सलाह दे रहे हैं! इसके एक बचाव के रूप में आयुष मंत्रालय के अनुसार अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करना भी बताय गया है ! जिसके तहत हर्बल टी, काढ़ा , योग, ध्यान , सयमित और संतुलित भोजन जिसमे हल्दी, लहसुन, धनिया, जीरा जैसी ामसलोन का प्रयोग करना शामिल है !जो कई देशों में कारगर भी हो चूका  है!
भ्रम और कोरोना-
भ्रम – यह गर्म तापमान में नहीं फैलता है
सच- तजा अनुसन्धान के अनुसार यह गर्म तापमान में भी असर करता है, जैसा की हम इसे भारत और अफ्रीका के सन्दर्भ में देख सकते हैं
भ्रम – यह वायरस आजीवन रहता है!
सच- यह ठीक हो सकता है, उपचारयोग्य है! आजीवन नहीं रहता!
भ्रम – यह 5G नेटवर्क या नेट से फैलता है!
सच- यह सिर्फ इन्फेक्टेड व्यक्ति या वस्तुओं के संपर्क में आने से फैलता है!
भ्रम – ब्रीथिंग अगर 10 सेकंड लेने में कोई दिक्कत नही है तो कोरोना होने जैसी कोई बात नहीं हो सकती !
सच- 10 सेकंड तक सांस रोकना कोरोना न होने की निशानी नहीं है!
भ्रम -अलकोहल या ध्रूमपान से कोरोना नही होता है!
सच- बिलकुल झूठ, बल्कि यह आपका इम्यून सिस्टम कमजोर करता है!
भ्रम – कोल्ड वेदर या बर्फीले माहौल वायरस मर देते हैं!
सच- बिलकुल झूठ, क्युकी बीमारी का प्रसार ऐसे जगहों में भी हैं
भ्रम- गर्म पानी के स्नान से क्रोना नही होता!
सच- बिलकुल झूठ, बल्कि स्किन के जलने , या उसके झुलसने का खतरा रहता है!
भ्रम – मच्छरों में काटने से कोरोना होता है!
सच- मच्छरों में काटने से क्रोना नही होता है!
भ्रम- ड्रग्स  लेने से वायरस मर जाते हैं,
सच- बिलकुल झूठ
भ्रम-UV लाइट वाली लैंप से वायरस मरता है!
सच- ये भी एक झूठ है!
क्लोरीन का छिड़काव से संक्रमण नहीं होता ये भी एक झूठ है! निमोनिआ का टीका  भी कोरोना मिटने में असरदार नहीं है! एंटीबायोटिक मेडिसिन भी कोरोना से  लड़ने में कारगर नहीं है! तो ये है कोरोना की पूरी स्टोरी! आगे  इस सीरीज की आर्टिकल में पढ़िए कोरोना और अंतर्राष्ट्रीय  पॉलिटिक्स! ..

Source:-
Booklate of WHO
BOOKLATE OF MINISTRY OF HEALTH
COVID 19 ORG WEBSITE
GOOGLE COVID 19 ALERT
AAROGYA SETU APP

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