गीत : हमराज बन गए

तुमने मुझे क्यों चुना, मोहब्बत करने के लिए। मुझमें तुम्हें क्या, अच्छा और सच्चा लगा। मैनें तो तुमसे कभी, निगाहें मिलाई ही नहीं। फिर भी तुमने अपना दिल, मेरे को क्यों दिया।। दिल के झरोखों से क्या तुम्हें कोई तरंग… Read More

ग़ज़ल : इंसानों की एक जमात कभी तो होगी

बेबसी की आख़िरी रात कभी तो होगी रहमतों की बरसात कभी तो होगी जो खो गया था कभी राह-ए-सफ़र में उस राही से मुलाक़ात कभी तो होगी हो मुझ पर निगाह-ए-करम तेरी इबादत में ऐसी बात कभी तो होगी आऊंगा… Read More

ग़ज़ल : मुझे भी फिर से उसी बेवफा पर प्यार आया है

आज लौटकर मिलने मुझसे मेरा यार आया है शायद फिर से जीवन में उसके अंध्यार आया है बचकर रहना अबकी बार चुनाव के मौसम में मीठी बातों से लुभाने तुम्हें रंगासियार आया है बहुत प्यार करता है मुझसे मेरा पड़ोसी… Read More

व्यंग्य : मेरा वो मतलब नहीं था

“जामे जितनी बुद्धि है,तितनो देत बताय वाको बुरा ना मानिए,और कहाँ से लाय” देश में धरना -प्रदर्शन से विचलित ,और अपनी उदासीन टीआरपी से खिन्न फिल्म इंडस्ट्री के कुछ अति उत्साही लोगों ने सोचा कि तीन घण्टे की फिल्म में… Read More

ग़ज़ल : मानव ही मानवता को शर्मसार करता है

मानव ही मानवता को शर्मसार करता है  सांप डसने से क्या कभी इंकार करता है  उसको भी सज़ा दो गुनहगार तो वह भी है जो ज़ुबां और आंखों से बलात्कार करता है तू ग़ैर है मत देख मेरी बर्बादी के… Read More

कविता : मेरा मन

ना जाने कहां पड़ा है कहीं रखकर भूल गई हूं शायद एक मन था जो मेरे पास हुआ करता था जाने कहां गया मिलता ही नहीं   वैसे… मैंने कोशिश भी कहां की उसे ढूंढने की गृहस्थी की जिम्मेारियों से… Read More

गीत : कर्तव्य

दीये का काम है जलना। हवा का काम है चलना। जो दोनों रुठ जाएंगे। तो मिट जाएगी ये दुनियाँ ।। गुरु का काम है शिक्षा देना। शिष्य का काम शिक्षा लेना। जो दोनों भटक जाएंगे। तो दुनियाँ निरक्षक हो जायेगी।।… Read More

कविता : जुबा से निकलेगा

आज कल कम ही नजर आते हो। मौसम के अनुसार तुम भी गुम जाते हो। कैसे में कहूँ की तुम मुझे बहुत याद आते हो।। दर्द दिल में बहुत है किस से व्या करू। हमसफ़र बिछड़ गया। अब किसका इंतजार… Read More

ग़ज़ल : बहुत याद आओगे तुम

जुबां से कहूं तभी समझोगे तुम इतने भी नादां तो नहीं होगे तुम अपना दिल देना चाहते हो मुझे मतलब मेरी जान ले जाओगे तुम भड़क उठी जो चिंगारी मोहब्बत की फिर वो आग ना बुझा पाओगे तुम इश्क में… Read More

भजन : राम भक्त हनुमान

जो खेल गये प्राणों पर, श्रीराम के लिए। एक बार तो हाथ उठा दो, मेरे हनुमान के लिए।। सागर को नाक के इसने, सीता का पता लगाया। प्रभु राम नाम का डंका, लंका में जा के बजाया। माता अंजली की… Read More