पत्र-साहित्य ही वह विधा है जिसके द्वारा मनुष्य समाज में रहते हुए अपने भावों एवं विचारों को दूसरों तक पहुँचाता है। पत्र सूचना संप्रेषण का सबसे प्राचीनतम साधन है।प्राचीनकाल से ही पत्र का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व रहा… Read More
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हरिशंकर परसाई का लेखन : समय, समाज और संस्कृति का प्रतिबिम्ब
दिनांक 21/08/2024, बुधवार को हिंदी विभाग उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी एवं प्रगतिशील लेखक संघ, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में उदय प्रताप (स्वायत्तशासी) कॉलेज, वाराणसी के राजर्षि सेमिनार हाल में ‘हरिशंकर परसाई का लेखन : समय, समाज और संस्कृति का प्रतिबिम्ब’… Read More
‘सर्वश्रेष्ठ फिल्म समीक्षक’ के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित होंगे ‘दीपक दुआ’
प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक ‘दीपक दुआ’ को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में ‘सर्वश्रेष्ठ फिल्म समीक्षक’ के लिए चुने जाना हिंदी फिल्म पत्रकारिता और हिंदी फिल्म समीक्षक की दृष्टि में बेहद सम्मानजनक है। दीपक दुआ 1993 से दिल्ली स्थित फिल्म क्रिटिक व ट्रैवल… Read More
नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया में हुआ तुलसी जयंती समारोह का समापन
दिनांक 11 अगस्त को नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया के तत्वावधान में तुलसी जयंती समारोह मुख्य अतिथि श्री शलभ मणि त्रिपाठी (सदर विधायक), मुख्य वक्ता अष्टभुजा शुक्ल, प्रख्यात साहित्यकार, विशिष्ट अतिथि श्रीमती अलका सिंह, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद, देवरिया की उपस्थिति… Read More
नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया द्वारा तुलसी साहित्य प्रतियोगिता का आयोजन
नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया द्वारा दिनांक 8 अगस्त 2024 को तुलसी जयंती के उपलक्ष्य में तुलसी साहित्य पर आधृत प्रतियोगिता हुई। जिसमें बी.आर.डी. पीजी कॉलेज, संत विनोबा पीजी कालेज, महाराजा अग्रसेन इन्टर कालेज, महाराजा बालिका इंटर कालेज, एस एस बी… Read More
लक्ष्मीकांत चतुर्वेदी स्मृति न्यास के तत्वावधान में निःशुल्क कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ
15 अगस्त के दिन देवरिया नगर में मोती लाल मार्ग स्थित न्यास के कार्यालय में बालिकाओं के लिए कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ होने जा रहा है। इस केन्द्र में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं को निःशुल्क कम्प्यूटर… Read More
पुस्तक समीक्षा : दलित स्त्री केंद्रित कहानियाँ
दलित स्त्री केंद्रित कहानियाँ : स्वप्न, संघर्ष और यथार्थ का ताना-बाना साहित्य लेखन की आरम्भिक विधा कविता रही। कविता हो या कथा, पाश्चात्य हो या भारतीय, पुरुष लेखकों की रचनाओं में चित्रित ‘स्त्री छवि’ पर सहानुभूति और स्वानुभूति के आलोक… Read More
कविता : सावन का महीना
सावन का महीना चल रहा शिव-पार्वती जी का आराम। गृहस्थ और कुवारों को भी काम काज से मिली है छुट्टी। जिसके चलते कर सकते है शिव पार्वती जी की भक्ति। श्रध्दा भक्ति हो गई कबूल तो मिल जायेंगे साक्षात दर्शन।।… Read More
व्यंग्य : सदी की शादी
“जय श्रीराम शुक्लाजी, कहाँ से लौट रहे हैं इतनी गर्मी में? आसमान स आग बरस रही है और आप स्कूटर घर में रखकर साइकिल भांज रहे हैं। काहे बचा रहे हैं इतना पैसा” मैंने उन्हें अभिवादन करते हुए उन्हें शब्दों… Read More