आज फिल्म निर्देशक प्रेम मोदी का जन्मदिन हैं। इन्होंने रेणू जी की कहानी पर पंचलेट नाम से अच्छी फिल्म बनाई है। झारखंड फिल्म फेस्टिवल में उनसे मुलाकात हुई। उनसे फिल्मों के बारे में काफी बातें हुई थीं। इससे संबंधित खबर भी दैनिक जागरण में प्रकाशित हुई थी।
झारखंड का पहला अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव शुक्रवार पच्चीस मई को खेलगांव के टाना भगत स्टेडियम में शुरू हुआ। इसमें झारखंड के फिल्मकारों की फिल्में भी दिखाई जा रही हैं। शनिवार को निर्देशक प्रेम मोदी की पंचलेट फिल्म दिखाई गई।
झारखंड के दुमका के रहनेवाले प्रेम मोदी की पंचलेट फिल्म प्रसिद्ध साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी पंचलाइट पर आधारित है। यह फिल्म पिछले साल रिलीज हुई थी। यह कहानी गांव के महतो टोले की है जहां लोग चंदा जमा कर शहर से पेट्रोमैक्स खरीद कर लाते हैं। गांव इतना पिछड़ा है कि किसी ने पेट्रोमैक्स देखा तक नहीं होता है वो उनके लिए अजूबे के समान है। यहां तक किसी को भी पेट्रोमैक्स जलाना तक नहीं आता है। बस गांव का एक लड़का जो शहर से लौटा था उसे पेट्रोमैक्स जलाना आता है। इसमें गांव की पंचायत की राजनीति को बहुत ही विश्वसनीय ढंग से दिखाया गया है।
फिल्म के निर्देशक प्रेम मोदी बताते हैं कि रेणु उनके प्रिय साहित्यकार हैं। उनकी कहानी पंचलाइट उन्हें काफी पसंद आई थी इसलिए इस पर फिल्म बनाई थी। यह फिल्म उस धारा का प्रतिनिधित्व करती है जिसे हम सार्थक सिनेमा कहते हैं। प्रेम बताते हैं कि पंचलैट की शूटिंग देवघर व दुमका में की थी। इसकी शूटिंग 32 दिनों तक चली थी। वे कहते हैं कि इस तरह की फिल्मों को पूरे देश में रिलीज कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके बाद फिल्मों को शो भी काफी कम मिलते हैं। कई बार एक शो मिलता है वो भी रात दस बजे का। इस वजह से भी ऐसी फिल्में दर्शकों तक पहुंचने में परेशानी होती है।
यह पूछने पर की आज बायोपिक फिल्मों का दौर चल रहा है आप किस पर बायोपिक बनाना पसंद करेंगे। इस प्रेम कहते हैं कि खुद रेणु का जीवन भी काफी रोचक है। उसमें कई रंग हैं। उन पर भी बायोपिक बनाई जा सकती है।
#Director Prem Modi