तेरे चाहाने वालो के, किस्से बहुत मशहूर है। तेरी एक झलक के लिए, खड़े रहते है लाइन से। चेहरा छुपाना दुपट्टे से लोगो की समझ से परे है। कैसे देख सकेंगे वो तुझे, खुले आसमान के नीचे।। किसी पर तो… Read More

तेरे चाहाने वालो के, किस्से बहुत मशहूर है। तेरी एक झलक के लिए, खड़े रहते है लाइन से। चेहरा छुपाना दुपट्टे से लोगो की समझ से परे है। कैसे देख सकेंगे वो तुझे, खुले आसमान के नीचे।। किसी पर तो… Read More
गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे, चरणों में अपने हमको बैठा लो। सेवा में अपनी हमको लगा लो, गुरुदेव मेरे गुरुदेव मेरे। मुझको अपने भक्तो की दो सेवादारी। आयेंगे सत संघ सुनने, जो भी नर नारी, मै उनका सत्कार करूँगा, बंधन बारंबार… Read More
तुम्हें दिल लगी भूल जाने पड़ेगी। गुरु चरणों में शीश झुका के तो देखो। तुम्हे दिल लगी भूल जाने पड़ेगी। प्रभु चरणों में शीश झुका के तो देखो। तुम्हे दिल लगी भूल जाने पड़ेगी। णमोकार मंत्र को जपके तो देखो।… Read More
कल से कल तक में आज को ढूँढ रहा हूँ। जीवन के बीते पलो को, आज में खोज रहा हूँ। शायद वो पल मुझे आज में मिल जाये।। बीत हुआ समय, कभी लौटकर नहींआता। मुंह से निकले शब्द, कभी वापिस… Read More
कही दीप जल रहे है तो कही छाय पढ़ रही है। कही दिन निकल रहा है तो कही रात हो रही है। मोहब्बत करने वालो को क्या फर्क पड़ता है। क्योंकि उन दोनों के तो दिल से दिल मिल गये… Read More
जब भोर हुए आना, जब शाम ढले आना। संकेत प्रभु का, तुम भूलना जाना, जिनेन्द्रालाय चले आना। जब भोर हुए आना, जब शाम ढले आना।। मैं पल छीन डगर बुहारूंगा, तेरी राह निहारूंगा। आना तुम जिनेन्द्रालाय दर्शन को , करना… Read More
तुम हो कलयुग के भगवान गुरु विद्यासागर। तुम हो ज्ञान के भंडार गुरु विद्यासागर। हम नित्य करें गुण गान गुरु विद्यासागर।। बाल ब्रह्मचारी के व्रतधारी संयम नियम के महाव्रतधारी। तुम हो जिनवाणी के प्राण गुरु विद्यासागर। हम नित्य करे गुण… Read More
पानी है अनमोल, समझो इसका मोल। जो अभी न समझोगे, तो सिर्फ पानी नाम सुनोगे।। आने वाले वर्षों में, पानी बनेगा एक समस्या । देख रहे हो जो भी तुम, अंश मात्र है विनाश का। जो दे रहा तुमको संकेत।… Read More
किसान का आटा प्यार का पानी। नमक है बीबी का यारों बहुत प्यार। इन सब के मिलने से रोटी का मिश्रण बन जाता। और चकले बेलन से खेलकर कहले तवा पर सिक जाती है। और पेट की भूख मिटाने के… Read More
नही होती सुंदरता किसी के भी शरीर में। ये बस भ्रम है अपने-अपने मन का। यदि होता शरीर सुंदर तो कृष्ण तो साँवले थे। पर फिर भी सभी की आँखों के तारे थे।। क्योंकि सुंदरता होती है उसके कर्म और… Read More