guru ji

गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे,
चरणों में अपने
हमको बैठा लो।
सेवा में अपनी
हमको लगा लो,
गुरुदेव मेरे गुरुदेव मेरे।

मुझको अपने भक्तो की
दो सेवादारी।
आयेंगे सत संघ सुनने,
जो भी नर नारी,
मै उनका सत्कार करूँगा,
बंधन बारंबार करूँगा।।
गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे,
चरणों में अपने
हमको बैठा लो।

मुझको अपने रंग में,
रंग लो तुम स्वामी।
में अज्ञानी मानव हूँ ,
तुम अन्तर्यामी।
मेरे अवगुण तुम विश्रा दो,
मन में प्रेम की
ज्योत जला दो।।
गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे,
चरणों में अपने
हमको बैठा लो।
सेवा में अपनी
हमको लगा लो,
गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे।
गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे,
चरणों में अपने
हमको बैठा लो।।

आज पर्युषण महापार्व
राज का 9वा दिन
उत्तम आकिंचन्य धर्म के अवसर पर उपरोक्त भजन श्री 108 विद्यासागर जी और मुनि संघ के चरणों में संजय जैन मुम्बई का समस्त मुनिगण और श्रावकों के लिए समर्पित है।

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