हूँ जो कुछ भी आज मैं, श्रेय मैं देता हूँ उन शिक्षकों को। जिन्होंने हमें पढ़ाया लिखाया, और यहाँ तक पहुँचाया। भूल सकता नहीं जीवन भर, मैं उनके योगदानों को। इसलिए सदा मैं उनकी, चरण वंदना करता हूँ।। माता पिता… Read More

हूँ जो कुछ भी आज मैं, श्रेय मैं देता हूँ उन शिक्षकों को। जिन्होंने हमें पढ़ाया लिखाया, और यहाँ तक पहुँचाया। भूल सकता नहीं जीवन भर, मैं उनके योगदानों को। इसलिए सदा मैं उनकी, चरण वंदना करता हूँ।। माता पिता… Read More
मोहब्बत सूरत से नहीं होती है। मोहब्बत तो दिल से होती है। सूरत खुद प्यारी लगने लगती है। कद्र जिन की दिल में होती है।। मुझे आदत नहीं कही रुकने की। लेकिन जब से तुम मुझे मिले हो। दिल कही… Read More
छोड़ दो मिथ्या दुनियाँ , सार्थक जीवन के लिए। इससे बड़ा सत्य कुछ, और हो सकता नहीं। चाहत अगर प्रभु को पाने की हो । तो ये मार्ग से अच्छा कुछ, और हो सकता नहीं।। छोड़ दो…….।। मन में हो… Read More
देखो देखो लोगो बैंकों का क्या हाल हो गया। लोगों के पैसे जमा होते हुए भी बैंक कंगाल हो गया। माध्यम वर्ग वालों की कमाई व्यापारी लेकर फरार हो गया। और चूना बैंक को के साथ ही मध्यमवर्गीयों को लगा… Read More
खत प्यार का एक हमने उनको लिखा। पर पोस्ट उस को अब तक नहीं किया। अपने अल्फ़ाजों को अपने तक सीमित रखा। बात दिल की अपनी उन तक पहुँच न सका।। डर बहुत मुझको उनसे और अपनों से लगता था।… Read More
दिल जिस से लगा उसे पा न सका। पाने की कोशिश में बदनाम हम हो गये। फिर जमाने वालों ने खेल मजहब का खेला। जिसके चलते हम दोनों को अलग होना पड़ा।। मोहब्बत करने वालों का क्या कोई मजहब होता… Read More
मन मोहक प्रतिमा है तेरी, मजबूर करे लाल बाग़ आने के लिए,दर्शन के लिए । मन मोहक प्रतिमा है तेरी ……….।। हर कोई तरसता रहता है, तेरी एक झलक दर्शन के लिए ,दर्शन के लिए , मन मोहक प्रतिमा है… Read More
कितने वर्षों से परंपराओं का, अनुसरण करते आ रहे हैं। और पूर्वजों की बनाई, रीतियों को निभाते आ रहे हैं। परन्तु वक्त ने कुछ, ऐसा खेल खेला कि अब हमारे घर ही मंदिर बन गए है। और धर्म साधना व… Read More
तेरे चाहाने वालो के, किस्से बहुत मशहूर है। तेरी एक झलक के लिए, खड़े रहते है लाइन से। चेहरा छुपाना दुपट्टे से लोगो की समझ से परे है। कैसे देख सकेंगे तुझे वो, खुले आसमान के नीचे।। किसी पर तो… Read More
हिंदी मेरी माँ है तो उर्दू है मेरी खाला। दोनों ने ही मिलकर मुझे बचपन से है पाला। दोनों की रहनुमा ने लेखक कवि बना डाला। कैसे मैं भूल जाँऊ अपनी दोनों मांओ को। जो कुछ भी मैं बना हूँ… Read More