shri krishna

कविता : श्री कृष्ण

हे कृष्ण, आपके जन्मते ही, जेल के ताले खुल गये, आप को जहां पहुँचना था आप पहुंच गये, पूतना बध,कालिया मर्दन व कंस शमन आपने बखूबी किया, तत्कालीन समाज को भय मुक्त किया, आज भी लोग जेल तोड़ते हैं, या… Read More

Kakori kand

कविता : काकोरी कांड

नौ अगस्त उन्नीस सौ पच्चीस, काकोरी रेलवे स्टेशन, जैसे ही चली सहारनपुर पैसेंजर, हुई चेनपुलिंग, रुकते ही ट्रेन गार्ड को क्रांतिकारियों ने लिया कब्जे में, लूटना था सरकारी खजाना, हड़बड़ी में निरुद्देश्य चल गयी माउज़र, मरा एक रेल पैसेंजर, लोग… Read More