हे कृष्ण,
आपके जन्मते ही,
जेल के ताले खुल गये,
आप को जहां पहुँचना था
आप पहुंच गये,
पूतना बध,कालिया मर्दन
व कंस शमन आपने
बखूबी किया,
तत्कालीन समाज को
भय मुक्त किया,
आज भी लोग
जेल तोड़ते हैं,
या जेल से ही अपना
साम्राज्य संचालन
करते हैं,
जेल में रह कर
सारे सुख भोगते हैं,
निरंकुश अपराध करते हैं,
पहले कारावास
कष्ट दायक थे,
आज सर्व सुविधा
सुलभ हैं,
हे कृष्ण आप भी
इस अनाचार पर मौन हैं,
हे सुदर्शन धारी देश की
सबसे बड़ी जेल में
जन्म लीजिये,
जेल से संचालित
अपराध की कड़ी
ध्वस्त कीजिये,
आपका नमन,
शीघ्रता कीजिये।।