नारी तुम संजीवनी हो और सुधारस जीवन की सौम्या हो तुम भावमयी कवि की कोमल कल्पना… … ‘संजीवनी’ के रूप में मान्यता निश्चय ही नारी-गरिमा को उद्घाटित करता है। अनादिकाल से नारी – शक्ति को विविध रूपों में मान्यता मिलती… Read More
साहित्यायन समूह द्वारा ऑनलाइन कवि गोष्ठी
साभार : साहित्यायन समूह +70
पूर्व मध्यकालीन साहित्य : मूल्यों की उद्भावना
मध्यकाल इतिहास के पन्नों पर ‘संक्रांत युग’ के रूप में दर्ज़ है। इतिहास साक्षी है कि क्रांति सदैव नए मूल्य स्थापित करती है। पूर्व मध्यकालीन साहित्य में स्थापित मूल्यों पर बात करने से पहले एक दृष्टि इस तत्व पर कि… Read More