आत्मा कराह उठती है, जब सोचता हूँ, जॉर्ज फ्लॉयड के अंतिम शब्द “आई कांट ब्रीथ”! “आई कांट ब्रीथ”! मैं श्वास नहीं ले पा रहा हूँ, माँ ओ माँ, मेरा पेट दुख रहा है, मेरी गर्दन दुख रही है, सब दुख रहा है, प्लीज़ मुझे पानी दे दो, प्लीज़ मत मारो मुझे। फिर भी ख़बीस पुलिस अफसर डेरेक चोविक ने सात मिनट तक अपना बायां घुटना गर्दन से नहीं हटाया।
फासिस्ट देशों को गले लगाने वाली सुपर पावर एंटीफा को आतंकवादी संगठन घोषित करना चाहती है। मैं बताता हूँ, सुपर पावर असफल नीतियों का ढीकरा अपने राजनीतिक विरोधियों के सिर पर फोड़ना चाहती है, समाज में विभाजन पैदा करना चाहती है। जिससे राजनीतिक धुर्वीकरण करके आने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपनी कमज़ोर पोज़ीशन को मज़बूत कर सके। 29 मई, की देर रात हज़ारों प्रदर्शनकारी वाइट हाउस के बाहर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, जैसे ही सुपर पावर को इसकी जानकारी मिली उनके सुरक्षा अधिकारी उन्हें अंडरग्राउंड बंकर में लेकर गए, सुपर पावर मजबूर,बेबस थी, भीगी बिल्ली की तरहं चुए के बिल में एक घण्टे तक रही। अब बात करते हैं.
एंटीफा आख़िर है क्या ?
सुपर पावर एंटीफा पर आतंकवाद का आरोप थोपना चाहती है, जो निराधार है। सुपर पावर घरेलू आतंकवादी संगठन घोषित करने की धमकी चीन व भारत, who को दी गई धमकी की तरहं असंवैधानिक है।
फासीवाद विरोधी शब्द का लघु रूप है, एंटीफा यह कोई एक संगठन या ग्रुप नहीं है, बल्कि यह ऐसा आंदोलन है, जिसे किसी एक ग्रुप या संगठन में सीमित नहीं किया जा सकता। अमेरिका के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में इस आंदोलन के समर्थक स्वयं को वामपंथी आइडियालोजी के समीप देखते हैं, इनमें से अधिकांश व्यक्ति स्वयं को अराजकतावादी, समाजवादी, मार्क्सवादी या पूँजीवादी विरोधी बताते हैं।
एंटीफा को आतंकी संगठन कहना निरर्थक
आखिर बात यह है कि सुपर पावर किसी भी ऐसे आंदोलन को जिसका न कोई स्वरूप, ज्ञात नेता, हेडक्वार्टर या कोई स्पष्ट विचारधारा नहीं है, और उसके अनुयायी को सिर्फ़ फासीवादी विरोधियों के रूप में देखते हैं, सुपर पावर किस तरहं से एंटीफा को आतंकवादी घोषित करने पर तुला है।
हाइजैक का दावा भी असंवैधानिक
अमेरिका के अटॉर्नी जनरल विलियम बर्र ने हिंसक कट्टरपंथी तत्वों पर पुलिस की दरिंदगी का शिकार होकर अपनी जान से हाथ धोने अफ्रीकी मूल के अश्वेत अमेरिकी नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से देश भर में जारी शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को हाइजैक करने का आरोप लगा रहे हैं। बर्र का यह भी दावा था कि एंटीफा और उससे जुड़े संगठनों ने हिंसा भड़काई है और यह घरेलू आतंकवाद है, जिससे उसी तरह से निबटा जाएगा। सुपर प्रशासन ने अपने हाइजैक के दावों का कोई सुबूत पेश नहीं किया।
विशेषज्ञों एवं आलोचकों का मानना है कि एक घरेलू शांतिपूर्ण आंदोलन या संगठन को उसकी विचारधारा के कारण आतंकवादी संगठन घोषित करना स्वभाविक रूप से असंवैधानिक होगा। सुपर पावर के उकसाने वाले बयानों ने आग में घी डालने का कार्य किया है।
कहना उचित होगा कि सुपर पावर अपनी सुपर कोरोना महामारी की नाकामी, ईरानी तेल टैंकर अमेरिकी नाकाबंदी तोड़ते हुए वेनेज़ोएला के तट पर सरलतापूर्वक अपने निर्धारित स्थान पर पहुंचना, जगह-जगह अधिकांश शहरों में जॉर्ज फ्लॉयड के समर्थन में शांतिपूर्वक प्रदर्शन होना, सुपर पावर को ही नहीं पूरे अमेरिकी साम्रज्यवाद के मुंह पर जोरदार तमाचा है। इसे से ही सुपर पावर का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
जॉर्ज फ्लॉयड का व्यक्तित्व
46 वर्ष के अश्वेत अफ्रीकी नागरिक फ्लॉयड अमेरिका में रहते थे। उत्तरी केरोलिना में उनका जन्म हुआ, वह टेक्सास के ह्यूस्टन में रहते थे। रोज़गार की तलाश में कई वर्ष पहले मिनियापोलिस चले गए थे। जॉर्ज फ्लॉयड मिनियापोलिस के एक रेस्त्रां में सुरक्षा गार्ड का कार्य करने लगे और उसी रेस्त्रां के स्वामी के आवास पर किराया देकर पांच वर्ष से रहते थे।
छः वर्ष की उनकी पुत्री जो ह्यूस्टन में अपनी माता रॉक्सी वाशिंगटन के साथ रहती है। जॉर्ज फ्लॉयड को ‘बिग फ्लॉयड’ के नाम से भी जाना जाता था। जॉर्ज को को मिनियापोलिस नगर बहुत प्रिय था। वह एथलीट भी रहे, जो विशेष रूप से स्कूल-कॉलेज में फुटबॉल और बास्केटबॉल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते थे। फ्लॉयड का व्यक्तित्व शांत स्वभाव का रहा। वह आज सम्पूर्ण संसार की जनमानस के हृदयों में अपना स्थान बना चुके हैं, भले ही जॉर्ज हमारे समक्ष न हों, इतिहास में उनका नाम दर्ज हो चुका है। आज करोड़ों आँखें नम हैं। जॉर्ज फ्लॉयड की आत्मा को ईश्वर शांति दे, उनके परिवार वालों को सब्र करने की शक्ति दे।