करे जो सच्चे मन से
माँ की आराधना।
मिले उसे ही दर्शन
माता रानी का।
इसलिए तो भक्तजन
करते है माँ की उपासना।
और पा जाते है
जीवन में सब कुछ।।
जो माँ को दिलसे याद
करते है इन दिनों में।
निश्चित ही वो सब जन
पाते है माँ शारदे के दर्शन।
अलग अलग रूपो में
माँ आकर देती सबको दर्शन।
दिखती है अपने नौ रूप
अपने भक्तो को वो।।
बड़ी कठिन साधना और
उपासना करनी पड़ती है।
अपने मन के भावों को
बहुत दुर्लभ करना पड़ता है।
दया का भाव सदा ही
अपने अंदर जगाना पड़ता है।
तभी तो माँ भवानी का
ह्रदय में प्रवेश हो पाता है।।
मैं उनके चरणो में अपना
झुकाता हूँ शीश बारंबार।
और सच्चे मन से उन्हें
मैं याद करता हूँ।