जीवन के क्षण,
कभी हर्षित कभी बोझिल।
कभी तेज उजाला,
कभी तारों की झिलमिल।
कभी खुशियों का खजाना,
कभी ग़म में गाफिल।
कभी हर ओर सन्नाटा,
कभी शोरगुल शामिल।
कभी अभाव,तंगहाली ,
कभी हासिल ही हासिल।
कभी हर ओर अपने ,
कभी लगते सभी कातिल।
कभी शाम-ए-तन्हाई ,
कभी शाम-ए- महफिल।
कभी हर दिल में खुन्नस,
कभी अज़ीज है हर दिल।
कभी दुआओं की बारिश ,
कभी कोप भर नाज़िल।
कभी वीरानों के दरम्यां ,
कभी महफिल ही महफिल।
कभी हमदम भी बेगाने ,
कभी दुश्मन भी फ़ाज़िल।
कभी गफलत ही गफलत ,
कभी गुडविल ही गुडविल।
जीवन के क्षण ,
कभी हर्षित कभी बोझिल।
कभी तेज उजाला ,
कभी तारों की झिलमिल।