indian village poem

आज बहुत दिनों बाद
पहाड़ों की बीच बसे
गांवों में जाने का मौका मिला,
सच में आज भी गांव में कुछ नहीं बदला.!

ठंडी ठंडी हवा चलती है वहां,
प्रकृति के शानदार नजारे आकर्षित करते हैं वहां,
शहरों में तो सब बदलते चले गए पर,
सच में आज भी गांव में कुछ नहीं बदला.!

वहां वही पगडंडियों वाले रास्ते,
कोई डर नहीं वहां वही शांत माहौल,
स्मार्ट शहर बनने की दौड़ में हैं सब पर,
सच मे आज भी गांव में कुछ नहीं बदला.!

वहां लोग आज भी अपने भाषा के अलावा,
कोई और भाषा नहीं समझ पाते हैं,
कहने को तो विकसित हो रहे हैं पर
सच मे आज भी गांव में कुछ नहीं बदला.!

वहां अब भी अच्छी शिक्षा नहीं पहुँच पाई है,
न ही स्वास्थ्य का कोई समाधान मिला है,
सब आगे बढ़ते चले गए सब बदलता गया पर,
सच में आज भी गांव में कुछ नहीं बदला.!

न कोई पदाधिकारी पूछने आते है कभी,
न ही इनके समस्याओं का कोई हल निकलता है,
बदलने वाले का स्टेटस बदल गया पर,
सच मे आज भी गांव में कुछ नहीं बदला.!

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