रीति रिवाजो को अपनाना जरूरी है।
सम्मान देना पाना भी जरूरी है।
जो आपके संस्कारों को दर्शते है।
और समाज में प्रतिष्ठा दिलाते है।।
देखा देखी में खुदको मत झोंको।
पहले स्वयं की चादर को देखो।
फिर जिंदगी में आगे बढ़ोगे तो।
सुख शांति संपन्नता पा जाओगें।।
जो चमक धमक देखकर बहक गये।
वो न यहाँ के रहे और न वहाँ के।
और संसार के चक्रव्यूह में फसकर।
खुदके अस्तत्व को ही मिटाने लगे।।
करो धारण स्वयं में तुम।
बस शांति और संयम को।
रखोगे श्रध्दा तुम प्रभु पर ।
तो मिलेगा मार्ग जीने का।।