maanchintan

तन पर कपड़ा है
पर मन में मैल।
तो कैसे आयेगी शांति
आपके मन के अंदर।
करो आत्म मंथन स्वंय का
तब खुदको पहचान पाओगें।
और अपने मानव रूप को
निश्चित ही समझ जाओंगे।।

संगत और विचारो का
बहुत महत्व होता है।
खान पान का जीवन में
बहुत महत्व होता है।
कहने और करनी का भी
बहुत महत्व होता है।
इसलिए मानव का आधार
उसका आचरण ही होता है।।

दान धर्म बहुत किया तूने
पर अहंकार को नहीं छोड़ा।
इसलिए सेवा भक्ति में
सफल नहीं हो पाये तुम।
किया जो कुछ भी तुमने
बस अबतक नाम के लिए।
जिसके चलते न ला पाए
नम्र भाव अपने अंदर।।

बहुत सुना और पढ़ा है
महान पुरुषों के जीवन को।
सब ने संयम धारण करके
सत्य अहिंसा को चुना था।
तभी प्रगति के पथ पर
वो निरंतर चल पाये।
और आत्म कल्याण करके
सारे जग को राह दिखाये।।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *