dosti

दिलमें प्यास हो मिलने की
तो वो अक्सर मिल जाते है।
जमाने में इसी तरह से
अपने दोस्त बनाते है।
वो हमें याद करते है
हम उन्हें भूल जाते है।
मगर मिले की तमन्ना।
सदा ही दिलमें रखते है।।

मेरे दिल में तुम
अब बस चुके हो।
तमन्नाए बहुत अब बस
दिलों को मिलने की है।
रहेगी अगर जिंदगी तो
एक दिन जरूर मिलेंगे।
और हक दोस्ती का हम
तब जरूर निभा देंगे।।

करो दिलसे हमें तुम याद
हम जरूर मिलने आयेंगे।
तुम सारा दुख दर्द हम
अपने साथ ले जायेंगे।
तेरी खुशी की खातिर
जमाने से लड़ जायेंगे।
मगर तेरा हक तुझे
हम जरूर दिलवा देंगे।।

कसम है मोहब्बत की
जो हमने की थी उनसे।
वो आज भी जिंदा है
हमारे दिलके अंदर।
फैसला करना है उन्हें
साथ जीने मरने का।
मैं तो आज भी खड़ा हूँ
तुम्हारे इंतजार में।।

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