love(2)

हो अगर रात सुहानी तो
दिन सुहाना लगता है।
हर किसी की किस्मत में
ये लम्हा कहाँ आता है।
ये तो शुक्र है मोहब्बत का
जिसके कारण ये लम्हें आते है।
कुछ की जिंदगी साभर जाती
तो कुछ की बिगड़ जाती है।।

रात की तन्हाईयाँ अब
सही नहीं जाती।
बदलते बदलते करवटे
नींद भी कहाँ आती।
पर देखने वाले तो
बिस्तर की सलवटे देखते है।
पर दिलकी सलवटो को
वो कहाँ देख पाते।।

दिलके जख्म किसी को
कभी भी नहीं दिखते।
प्यार के किस्से सबको
बहुत अच्छे लगते।
पर प्यार करने वालों की
मदद कोई नहीं करते।
बल्कि उनकी राह में
कांटे जरूर वोते है।।

दुनियाँ में किसी की भी
राह आसान नहीं होती।
राह चलते हुए भी
किसीसे आँखे लड़ सकती।
और न जानते हुए भी
अंजान से मोहब्बत होने लगती।
और जिंदगी फिर उसी तरफ
न जाने क्यों बहने लगती।।

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