kavita-abhilasha-vidai-ke-samay

इस विदाई की बेला मे,
कहता हूँ उपस्थित सभी से,
करने की ईश्वर से प्रार्थना,
करने की जीवन में कुछ ऐसा,
जो कल्याणकारी और आदर्श हो सबका,
करें आज हम समय से यही कामना,
लेकर माता – पिता और गुरु का आशीर्वाद,
सम्पूर्ण कठोर परिश्रम के साथ,
इस ज़ग महा-संग्राम में,
दे सकें जन जन को कुछ ऐसा,
जो पथ -प्रदर्शक हो सके सबका ,
मनोहर कवि की बस यही तमन्ना ,
इच्छा-सागर की इस पूर्ति में,
चाहता हूँ जन – प्रतिनिधियों से,
करने की मंगल – साधना,
समक्ष कुछ प्रस्तुत कर सकें ऐसा,
लेकर सहारा, सवेरा हो सके सबका,
मनु -मनोहर की एक यही “अभिलाषा”

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