हिंदी हमारी मातृभाषा है और हमें इस पर अभिमान करना चाहिए। यह सरल और समृद्ध भारतीय संस्कृति की परिचायक भाषा है। आज समूचे विश्व में हिंदी का परचम बुलंद है और शायद ही कोई ऐसा देश होगा जहाँ हिंदी भाषा को जानने-समझने वाले न हो। इसीलिए हिंदी के विकास एवं प्रचार-प्रसार के लिए सभी को मिलकर योगदान देने की आवश्यकता है। इस दिशा में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ तेजी से अग्रसर है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विश्वविद्यालय में राजभाषा अनुभाग की ओर से हिंदी पखवाड़ा (11 से 25 सितंबर) 2019 का आयोजन करवाया गया। इस आयोजन के उदघाटन के अवसर पर अपने अध्यक्षीय भाषण में कुलपति आरसी कुहाड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय में इस दिशा में जारी प्रयासों का नतीजा है कि कार्यालयी गतिविधियों में हिंदी का उपयोग बढ़ा है और नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के माध्यम से विश्वविद्यालय स्थानीय निकायों को भी हिंदी के प्रयोग में सहयोग कर रहा है। हिंदी भाषा का विकास करना हमारा संवैधानिक दायित्व भी है और नैतिक कर्तव्य भी। भाषा के ज्ञान के बिना अपने विषय को अभिव्यक्त करना संभव नहीं होता। इसलिए हम सभी को हिंदी सीखनी चाहिए।
उदघाटन के अवसर पर ही विश्वविद्यालय द्वारा ‘विधि और हिंदी’ विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान का भी आयोजन किया गया। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के विधि विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जगबीर सिंह जाखड़ ने राजभाषा हिंदी से संबंधित संविधान के प्रावधानों का विस्तार से उल्लेख करते हुए हिंदी के विकास में बरती गई उदासीनता की चर्चा की। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में हिंदी के प्रयोग के लिए खास प्रयास नहीं किये गए। हिंदी के लिए एक दिन नहीं, बल्कि पूरे 365 दिनों तक कार्य किए जाने की आवश्यकता है। स्वामी दयानंद सरस्वती पीठाचार्य प्रो. रणवीर सिंह ने अपने स्वागत भाषण में हिंदी के महत्व की विस्तार से चर्चा की।
हिंदी पखवाड़ा- 2019 में विश्वविद्यालय द्वारा 25 सितम्बर तक विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों , विद्यार्थियों व विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए हुए गाँवों के स्कूली बच्चों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया गया। इसमें हिंदी टाइपिंग, नोटिंग व ड्राफ्टिंग प्रतियोगिता, विश्वविद्यालय की एक हिंदी छमाही पत्रिका के लिए लोगों डिज़ाइन प्रतियोगिता, विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गाँवों के राजकीय स्कूल के विद्यार्थियों के लिए ‘मेरा गांव और स्वच्छता’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘फिट इंडिया’ विषयों पर निबंध प्रतियोगिता, ‘हिंदी और मेरा अनुभव’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता, कविता पाठ पऔर कहानी वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
25 सितम्बर, 2019 को हिंदी पखवाड़े के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में कुलपति आरसी कुहाड़ ने कहा कि विश्वभर में जर्मनी, चीन व इजराइल जैसे देशों के उदाहरण मौजूद है जोकि अपनी भाषाओं के माध्यम से सफलताओं के कीर्तिमान स्थापित कर रहे है। विज्ञान व तकनीक यदि प्रगति कर सकता है तो इसके लिए जरुरी है कि इसकी अध्ययन सामग्री हिंदी में उपलब्ध हो। विशिष्ट अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद के सदस्य प्रो. केपीएस महलवार, पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से प्रो. परमजीत सिंह और एमडीयू से प्रो. कंवर चौहान ने भी अपने विचार रखे।
हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के समन्वयक व स्वामी दयानंद सरस्वती पीठ के पीठाचार्य प्रो. रणवीर सिंह ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन विश्वविद्यालय में लगातार होने चाहिए। कार्यक्रम के समापन पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र व नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। हिंदी पखवाड़ा के इस आयोजन में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्रभारी, अधिकारी, शिक्षकगण, शिक्षणेतर कर्मचारी व विद्यार्थी सभी ने अपनी उपस्थित दर्ज की।
