आज के ही दिन ठीक दो साल पहले भगवान महाकाल और सती के परम् भक्त राजा विक्रमादित्य की नगरी में अपुन मौजूद थे। दो साल पहले की इस घटना को यात्रा वृतांत या कहें संस्मरण का रूप देने का प्रथम… Read More

आज के ही दिन ठीक दो साल पहले भगवान महाकाल और सती के परम् भक्त राजा विक्रमादित्य की नगरी में अपुन मौजूद थे। दो साल पहले की इस घटना को यात्रा वृतांत या कहें संस्मरण का रूप देने का प्रथम… Read More
जीवन के 25 वसन्त में यह तीसरी दिवाली होगी जब बिना पिता जी के आशीर्वाद के दिवाली बनाई जाएगी और मेरे जहन में वो यादें हमेशा ताज़ा बनी रहेंगी जो पिता जी के साथ बनी थीं। उन्हें ताउम्र अपने जीवन… Read More
कुछ लेखक होते हैं जो बहुत कुछ लिख जाने के बाद भी अपना पता नहीं दे पाते तो कुछ लेखक ऐसे भी होते हैं जिन की रचनाएं तुरंत उन का पता दे देती हैं। पर किसी लेखक की रचना ही… Read More
मुझे साइकल चलाना सीखना था। पर दुर्भाग्य से मेरे घर में साइकल नही थी। मोहल्ले के सभी बच्चे साइकल चलाते रोज दिख जाया करते थे। उन्हें साइकल चलाते देख कर मुझे रोज उनसे ईर्ष्या और खुद पर शर्मिंदगी महसूस होती। एक… Read More