positive

कविता : आत्म विश्वास

मुसीबत का पहाड़, कितना भी बड़ा हो। पर मन का यकीन, उसे भेद देता है। मुसीबतों के पहाड़ों को, ढह देता है। और अपने कर्म पर, जो भरोसा रखता है।। सांसारिक उलझनों में, उलझा रहने वाला इंसान। यदि कर्म प्रधान… Read More

beti

कविता : प्यारी बेटी

बेटी को जन्मदिन की दिल से शुभ कामनाएं और देता हूँ शुभ आशीष। प्रगति के पथ पर चलकर करो नाम अपना रोशन। सबकी प्यारी सबकी दुलारी तभी हृदय में सबके बसती। और ख्याल सभी का बेटी जो तुम दिलसे रखती… Read More

love hurt

कविता : मोहब्बत का पुजारी

वो मोहब्बत में इतने घाव देते रहे। हम उन्हें उनका उपहार समझते रहे। पर हद तो तब हो गई जब मेरे दिये। फूलों को उन्होंने आर्थी पर रख दिये। और जिंदा होते हुये भी वो अपनी। मोहब्बत को मेरी सामने… Read More

zindagi(3)

कविता : क्या सोचते है

मिलते मिलाते पहुँच गये। हम आज उस मंजिल पर। जहाँ सब को पहुंचना है। आखिर में एक दिन।। जिंदगी को जी गये। एक चुनौती मानकर। सब कुछ लगा दिया अपना। इसे एक लक्ष्य समझकर।। मरता रहा औरो के लिए। खुद… Read More

dekh liya

कविता : देख चुका

खुशी के कुछ पल आकर के महका देते है घर को वो। फिर वो ही सुंदर पल हमें अंधेरो में फिर ले जाते है। सफर मेरी जिंदगी का इसी तरह से निकला है। कभी खुशियाँ रही तो कभी गमों ने… Read More

duniya

कविता : देखा समझा और…

क्या क्या अब तक देख चुका। और क्या क्या देखना बाकी है। जीवन की इस राह पर क्या क्या सहना बाकी है। बंद आँख और मुँह कान इसका मूल आधार है।। गुमशुम रहना और सहना तेरा ये आधार नहीं। चलना… Read More

rah

कविता : कह दो जुबान से

जो दिलमें होता है मेरे वो ही बात कहता हूँ। कहकर दिलकी बातों को सुकून बहुत मिलता है। इसलिए इस जमाने में लोग कम पसंद करते है। पर जो पसंद करते है वो बहुत अच्छे होते है।। मैं खुद को… Read More

zindagi(2)

कविता : जिंदगी के पल

जिंदगी कितनी हसीन और साथ ही रंगीन है। जिसमें हर रस का जो समावेश है। न चाह कर भी हम स्वयं रंगीन होते है। और हर रस को खुशी से पी लेते है।। क्यों उदासी से जीते है अपनी इस… Read More

lord krishna

गीत : आस्था और विश्वास

कौन राग आलापू भगवन जिस से तुम आओ। सूनी पड़ी इस नगरी में रंग तुम भर जाओ। प्रभु जी आ जाओ रंग तुम भर जाओ। कौन राग आलापू भगवन जिस से तुम आओ।। बहुतों को तुमने उभारा अपने तरीके से।… Read More

zamana

कविता : जमाने को जाने

बहुत संसार को देखा और बहुत इसको सुना। जमाने की हर बातों का बहुत मंथन भी किया। मैं अपने बातों को भी इस जमनो को दे सका। और लोगों की सोच को कुछ हद तक बदल सका।। विधाता ने जमाने… Read More