zindagi(2)

जिंदगी कितनी हसीन
और साथ ही रंगीन है।
जिसमें हर रस का
जो समावेश है।
न चाह कर भी हम
स्वयं रंगीन होते है।
और हर रस को
खुशी से पी लेते है।।

क्यों उदासी से जीते है
अपनी इस जिंदगी को।
जबकि ये मिली है
हंसी खुशी से जीने के लिए।
मत सोचो भविष्य के बारे में
और तुम वर्तमान को जीओ।
तो निश्चित ही तेरी उदासी
जिंदगी से मिट जायेगी।।

खुद को समझने और
जिंदगी को समझने के लिए।
देखो उजड़े हुये बाग को
जो पानी की बूंदो को तरसता है।
पर जैसे ही उसे पानी मिलता
वो फिर से पुन: खिल उठता।
और लोगों को लुभाने व
गीत सुनाने बुलाने लगता है।।

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