आजकल अपने अतीत को कुरेद रही हूँ । कई बार जब खुद के बारे में सोचती हूँ तो जीवन के बीते हुए तमाम दिन जुगनू की तरह जगमगाने लगते हैं। ज़िन्दगी उन जुगनुओं की रौशनी में वक्त के अंधेरे में… Read More
आजकल अपने अतीत को कुरेद रही हूँ । कई बार जब खुद के बारे में सोचती हूँ तो जीवन के बीते हुए तमाम दिन जुगनू की तरह जगमगाने लगते हैं। ज़िन्दगी उन जुगनुओं की रौशनी में वक्त के अंधेरे में… Read More
बासु चटर्जी हिंदी और बांग्ला सिनेगा के ऐसे नाम हैं जिनकी फिल्में वास्तव में मध्यवर्गीय जीवन की छोटी – छोटी विसंगतियों को स्वर देती हैं। आम जीवन में पनपे प्रेम की सामाजिक जटिलता को सुलझाती हुई उनकी फिल्में समांतर सिनेमा… Read More
आर्य समाज भारतीय समाज और जनजीवन को दिशा प्रदान करने का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है। शिक्षा जगत में आज डीएवी संस्था जैसी कोई दूसरी संस्था नहीं है। डीएवी सिर्फ उच्च शिक्षा ही नहीं देता बल्कि विद्यार्थियों के अंदर… Read More
एक अपील, विनम्रतापूर्वक निवेदन के साथ… हंसराज कॉलेज, दिल्ली ने शिक्षा जगत में कीर्तिमान स्थापित करने के साथ ही साहित्य, सिनेमा, मीडिया, खेल, राजनीति, प्रशासन के क्षेत्र में कई विभूतियों को जन्म दिया है। शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ साहित्यिक और… Read More
स्त्री-भागीदारी को लेकर हमेशा उदासीन रहा हिंदी सिनेमा अब जागरूक हो चुका है। निःसंदेह यह जागरूकता फिल्म उद्योग की खुद की नहीं है बल्कि महिलाओं द्वारा किए खुद में परिवर्तनों के आधार पर आई है। ऐसा भी नहीं कि स्त्रियाँ… Read More