अस्तित्व से अभिप्राय है स्वयं के होने का बोध अर्थात अपनी खुद की पहचान। यदि बात नारी सन्दर्भ में की जाये तो आज नारी स्वयं के अस्तित्व की तलाश में भटक रही है। वर्तमान प्रगति के बावजूद सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक… Read More
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अस्तित्व से अभिप्राय है स्वयं के होने का बोध अर्थात अपनी खुद की पहचान। यदि बात नारी सन्दर्भ में की जाये तो आज नारी स्वयं के अस्तित्व की तलाश में भटक रही है। वर्तमान प्रगति के बावजूद सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक… Read More
दो सम्बंधित आत्माएँ … क्या अलग हो सकती हैं? कुछ लम्हों के अलगाव से… जो जुड़ी है, एक दूसरे के भाव से उन्हें मुक्त रहने दो उन्हें महसूस करने दो उन्हें प्रेम की परिभाषा गढ़ने दो उन्हें रचने दो, एक… Read More