Part-1

बोर्ड परीक्षा की तिथि घोषित हो गई है।लगभग महीना-भर बचा है।इतने दिन कम नहीं होते और ज्यादा भी नहीं।जैसे-जैसे परीक्षा नजदिक आ रही है,स्वाभाविक है कि आपकी चिंता बढ़ रही होगी!दोस्तों, ये चिंता करने या फ्रस्टीयाने का वक्त नहीं है।अपने खुशनसीबी पर उल्लास का गीत गाने का समय है, क्योंकि आँकड़े बताते हैं कि विश्व की एक बड़ी जनसंख्या यहाँ तक की यात्रा से वंचित रह जाती हैं।खुश होइये कि आप उस चौखट पर खड़े हैं, जिसके पार आपार संभावनाओं का संसार है।नए परिवेश के नए अनुभव आपके स्वागत में खड़े हैं।निश्चित तौर पर आपका भविष्य सुनहरा होगा, बस वर्तमान के सही उपयोग की आवश्यकता है।फिलहाल आप अपना पूरा ध्यान अध्ययन पर केंद्रित करें।आप अपना सबसे बेस्ट देने का प्रयास करें अर्थात् कोशिश ऐसी होनी चाहिए कि परिणाम जो भी हो परंतु आपको अफसोस नहीं होना चाहिए कि मैंने प्रयास नहीं किया।दोस्तों, जिंदगी का जो ये सिस्टम है न, इसमें रिवांइड बटन या एडिट फैसलिटी नहीं होता है।इसलिए आप पीछे जाकर सब कुछ ठीक नहीं कर सकते।आप इस समय 10वीं या 12वीं में है तो यह आपके जीवन-यात्रा का एक महत्वपूर्ण भाग है,इसे बेहद खूबसूरत बनाइए।एक बढ़िया स्कोर हासिल करने की कोशिश करिए और अपने जिंदगी में कुछ वैल्यू ऐड करिए।भविष्य में जब भी चर्चा होगी तो आपको अच्छा लगेगा।यकीनन।अंत में बस एक ही बात कहूँगा-“परीक्षा परखने की प्रणाली है कि आपने कितना सीखा है!इसे जंग मत समझिये।अगर परीक्षा को जंग समझते भी है तो सिर्फ़ आबरू बचाने के लिए नहीं, मैदान फतह के लिए लड़िये।हर चुनौती को पटक कर आगे बढ़िये।कुछ बड़ा करिये अपने लिए, अपने लोगों के लिए।”

कुछ टिप्स,जिसे फाॅलो करके आप अपना परफाॅरमेन्स बढ़ा सकते हैं :-

1.सुबह उठकर हल्का गर्म पानी पियें,फिर नित्य क्रिया से निवृत्त हो जाएँ।
2.दस मिनट कुछ वर्क आउट कर लें।
3.हल्का जलपान कर अध्ययन शुरू करें।
4.एक हेल्दी ब्रेकफास्ट लें।
5.जिस समय आपकी परीक्षा निर्धारित है,उसी समय आंसर राइटिंग प्रैक्टिस करें।पूर्व के प्रश्न-पत्र को हल करना या माॅडल पेपर हल करना बेस्ट रहेगा।कई बार हम पढ़ाई करते है लेकिन लिखाई नहीं करते।लिखाई बेहद जरूरी है क्योंकि परीक्षक के समक्ष आप नहीं,आपका लिखा होता है।
6.स्वयं का मूल्यांकन करें।अपने कमजोरी को पहचाने और उसे मजबूत करें।गहरा अध्ययन करें।
7.समय पर भोजन आदि करें और अच्छी नींद लें।
BEST OF LUCK      

Part-2

सरकारी नौकरी, रूतबेदार घर में बियाह और बोर्ड परीक्षा में बढ़िया स्कोर हमारे समाज की सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा है।रिस्तेदार भी इस विषय में जानने हेतु जिज्ञासा की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करते हैं।हर महत्वाकांक्षा के पीछे कुछ कारण होता है।
उपरोक्त दो के बारे में कभी बाद में चर्चा करेंगे।बहरहाल, बोर्ड परीक्षा(मैट्रीक और इण्टर) की बात करते हैं।
फरवरी-मार्च में परीक्षा होनी है।विद्यार्थीं तैयारी में जुटे हैं।ठंड के प्रकोप को परास्त करने का जज्बा,जरूरी पोथी और बढ़िया प्रदर्शन का सपना लेकर बहादुर रोज सबेरे पढ़ने निकल पड़ते हैं।घंटी को टुनटुनाते, सायकल के पैडल को चुनौती देते बच्चों का कारवाँ चल पड़ता हैं,भोरे-भोरे।
परिणाम जो भी हो, हमें कोशिश भरपूर करना चाहिए।भगवान श्री कृष्ण गीता में कहते हैं-” कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।”अर्थात् कर्म पर तुम्हारा अधिकार है,फल पर नहीं।इसलिए तुम कर्म करो, फल की चिंता मत करों।
जो बच्चे इस बात को समझते हैं और अपना पूरा ध्यान अध्ययन पर केंद्रित किये हैं, वह सराहना के पात्र हैं।जो अभी भी अपने पथ से विचलित हो रहे हैं, उनके लिए कहूँगा कि आपके असफलता के बाद सांत्वना के कई शब्द हो सकते हैं किन्तु सामान्य पृष्ठभूमि से आनेवाले विद्यार्थी के लिए ये Marks मायने रखता है।यह तय करता है कि आप आगे पढ़ने के लिए कितने दूर तक जायेंगे!
ये परीक्षा स्कोर मायने रखता है,उस गाँव के लिए जहाँ से जाकर अच्छे यूनिवर्सिटी में पढ़ना आज भी सपना है।
भाई, ये परीक्षा परिणाम हिम्मत देता है, उस बाप को जो गल्फ कंट्री के जलवायु से दो-दो हाथ करके पैसे भेजता है।आपको आगे पढ़ाने के लिए,उच्च शिक्षा दिलाने के लिए सपने देखता है।
आपके माता-पिता के त्याग के समक्ष आपका त्याग कुछ नहीं है।आज से ही सारे डीस्ट्रैक्शन को छोड़िये।अभी बहुत समय है किताब से दोस्ती करिये।
जोर लगा दीजिए! उस परिवार के लिए जहाँ गोइठा-चिपरी के सहारे LPG का पैसा बचा लिया जाता है।जानते हैं क्यों?
“आपके कोचिंग, ट्यूशन के फीस के लिए।”
मेहनत करिये उस भावना के लिए जब आपकी माँ आपके अच्छे परिणाम से खुश होकर मीठा के नाम पर खीर बनायेगी।

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