दीपों की जगमग आज हुई रोशन,
चहुँओर लगे देखो खुशहाली।
मांवस रात लगे पूनम सी,
काली है पर भरपूर उजियाली।
पर जिससे हर घर में है रौनक,
उसका घर आज लगता है खाली।
सीमा पे बैठ वो लिए बन्दूक,
भारत माँ की करें रखवाली।
आओ करें उसको भी याद हम,
सो गया जो कर, माँ की गोद खाली।
नमन करें उन वीर शहीदों को,
जिनके घर अंधियारों में डूबी दीवाली।
इक दीप उनको भी करते चलें अर्पण,
कर दें उनकी भी ये रात उजियाली।
तब ही भारत के वीरों के घर भी,
जगमग से बढ़ होगी रोशन दिवाली।