“उनको बता दो की दुनिया कई हिस्सों में विभक्त है, उनके सिद्धान्तों की प्रयोगिकता हर जगह नही चल सकती… “”
रात हर जगह गहरी होती है और जब कभी आसमान पर तारे छिटकते है तो सबका मन मचलता है प्रेमी की बाहों की गिरफ्त में रहकर आसमान को देर तक निहारना उस वक़्त तक जब तक कोई देवदूत प्रेम के दीर्घायु होने का आशीर्वाद नही दे जाता।पर एक वक्त ऐसा भी होता है जब लफ्ज़ प्रेम के अस्तित्व पर भारी पड़ जाते है। हम करीब होते है पर हर वक़्त ऐसा मुमकिन नही होता…. हम वैचारिक रूप से भिन्न हो जाते है कभी कभी और तब एक जिस्म दो जान वाली थ्योरी गलत साबित हो जाती है। पर यह हमेशा के लिए नही होती…. जब प्रेम की मांग करती हुई नजरें चार होती है तब पुरानी बातों पर मिट्टी डालते हुए प्रेमी एक बार फिर से बाहों की गिरफ्त में आ जाते है ढेर सारे खट्टे मीठे वादों के साथ….संसार में कुछ भी हमेशा के लिए नही है ।  आपकी मासूमियत, सुन्दर विचार,रिश्ते को लेकर सकारत्मक सोच ,उचित प्रबंधन एवं जिम्मेदारियों का पूर्ण एहसास ही आपको प्रेम का सच्चा सुख दे सकता है। प्रेम तो पूरे संसार के प्राणियों के हृदय में है पर सफल असफल के बीच के भँवर से बचकर प्रेमी के साथ प्रेम की नौकाविहार करना ही प्रेम की खूबसूरती है…
आखिर हम ईमानदारी, वफ़ा, बेवफाई , सच, झूठ के फेर से निकल कर प्रेम पर ध्यानाकर्षित करते है तब दुनिया बेहद खूबसूरत दिखने लगती है….  स्कूल का एक स्ट्रिक्ट टीचर जिससे हमने मार खाई होती है उससे भी प्रेम का एहसास होने लग जाता है। प्रेम में होने का मतलब है जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल को जीना … ऑफिस का खड़ूस बॉस जो हर वक़्त सर पर चढ़कर तांडव करता है उससे भी प्रेम एक सीमा तक होने लग जाता है। मकड़ी के जालों में फंसे हुए मच्छर एवं कीट पतंगों से हमदर्दी होने लग जाती है… गली का मारा मारा घूमने वाला कुत्ता जिससे हमें सख़्त नफरत होती है …. उसकी पीठ पर हाथ फेर दिया जाता है…..
प्रेम पर खुलकर बातें होनी बेहद आवश्यक है… आज समाज प्रेम पर बातें करने से बच रहा है… लोगो की सोकॉल्ड विद्वानी पर सवाल जो उठने लग जाते है.. पर प्रेम से ही दुनिया का तानाबाना बुना हुआ है। प्रेम कोई एक कमरे में बंद होकर होने वाली क्रिया नही है बल्कि यह तो सम्मुख है, स्पष्ट है, सार्वजनिक है एवं सुंदर है।

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