चाहे लगाओ नारे या भरो हुंकार ये देश नहीं बदल पाएगा,
भारत का हर नागरिक बिस्मिल, विवेकानंद बन जाएगा
हर विश्वविद्यालय से देशभक्त निकल के आयेगा
तब भारत देश हमारा विश्वगुरु बन पाएगा
जब हर बेटा भारत माँ की लाज बचाएगा
देश धर्म की खातिर स्वाभिमान को जगाएगा
अपने देश संस्कृति व मानवता को दरसायगा
तब भारत देश हमारा विश्वगुरु बन पाएगा
गंगा-जमुना की तहजीबी भारत जब दोहराया
कलयुग का अंत तब मानव कर पाएगा
जब कोई दुशासन उभर न पाएगा
तब भारत देश हमारा विश्वगुरु बन पाएगा
रणभूमि में जो रक्त बहा उसका कर्ज चुकाएगा
धरा की मिट्टी का कण कण चंदन तब बन पाएगा
राम राज्य का उदघोष जब हो पाएगा
तब भारत देश हमारा विश्वगुरु बन पाएगा
अब भारत मे धर्म योद्ध जब ठन पाएगा
जन जन के मुख से श्री राम पुकारा जायगा
हर मावन रामायण, महाभारत को दोहरगा
तब भारत देश हमारा विश्वगुरु बन पाएगा