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कविता : विश्वगुरु भारत

चाहे लगाओ नारे या भरो हुंकार ये देश नहीं बदल पाएगा, भारत का हर नागरिक बिस्मिल, विवेकानंद बन जाएगा हर विश्वविद्यालय से  देशभक्त निकल के आयेगा तब भारत देश हमारा विश्वगुरु बन पाएगा जब हर बेटा भारत माँ की लाज… Read More