नजारा देखकर यहाँ का
दिल रुकने को कहता है।
फूलो के बाग में देखो
भवरा कुछ कहता है।
तभी तो झूलते फूलों से
महक बहुत आती है।
जो मोहब्बत करने वालों
को बहुत लूभाते है।।
देखो तो फूलों की किस्मत
मोहब्बत हम करते है।
पर देखो होठों का स्पर्श
इन फूलों को मिलता है।
और दिल में हमारे क्यों
हल चल सी होती है।
इसलिए तो मोहब्बत का प्रतीक
गुलाब का फूल ही होता है।।
झूलते फूल और डोलते भवरे
मोहब्बत को खोजते है।
और मोहब्बत करने को
फूलो के बाग चुनते है।
बड़े ही किस्मत वाले है
ये बगीचे के फूल देखो।
मोहब्बत हम करते है
पर श्रेय फूल ले जाते है।।
फूलों की किस्मत का हम
अंदाज लगा नहीं सकते।
बहुत कोमल होकर भी
कभी ये खिलने से नहीं रोकते।
और अपना फर्ज निभाने से
कभी भी पीछे नहीं हटते।
इसलिए देकर फूलों को
मना लेते है रूठे मेहबूब को।।