तेरे दर पर जो आता है
वो कुछ न कुछ तो पाता है।
इसलिए तो तेरे दर से
कोई भूखा नहीं जाता।
सभी को अपने होने का
तू एहसास कराती है।
इसलिए बुलाबा भी तू
सभी को भेजती हो।।
सभी की किस्मत में
कहाँ है माँ तेरे दर्शन।
बड़ी सौभाग्यशाली होते है
जिसे मिलते है तेरे दर्शन।
बड़े आभागे है वो लोग
जो पहुँचकर भी वहाँ पर।
नहीं कर पाते तेरे दर्शन
और घर को लौट जाते।।
तेरा दर का रहा इतिहास
कोई खाली हाथ नहीं लौटा।
भले ही तेरे दर्शनों से
रहा हो बिल्कुल वंचित वो।
पर उसकी इतनी श्रध्दा ने
तुझसे कुछ तो पा लिया।
और माँ होने का तू ने भी
निभा दिया अपना फर्ज।।