भक्ति में शक्ति बहुत है,
भक्तों की सुनते है पुकार।
दुनियाँ के पालन हारी,
करते है कृपा तुमसब पर।।
जयबोलो जयबोलो जयबोलो,
आचार्यश्री की जय बोलो।।
जो पूर्व में है पूर्व वाले,
पश्चिम वाले उन्हें नमन करे।
देख ये उत्तर और दक्षिण वाले,
भक्ति रस का आनदं ले,
भक्ति रस का आनदं ले।
भक्तोंकी भक्ति पर कृपा करते,
दुनियाँ के पालन हारी,
दुनियाँ के पालन हारी।।
भक्ति में शक्ति बहुत है,
भक्तों की सुनते है पुकार।
कलयुग के भगवान ने हमे,
कितने ज्ञानी मुनिश्री दिये।
जो चारो दिशाओं में घूमकर,
जैनधर्म की पताका फेहरा रहे,
धर्म की पताका फेहरा रहे।।
भक्ति में शक्ति बहुत है,
भक्तों की सुनते है पुकार।
जयबोलो जयबोलो जयबोलो,
आचार्यश्री की जय बोलो।।