love bird

फिर वही क़िस्सा सुनाना तो चाहिए
फिर वही सपना सजाना तो चाहिए

यूँ मशक़्क़त इश्क़ में करनी चाहिए
जाम नज़रों से पिलाना तो चाहिए

अब ख़ता करने जहाँ जाना चाहिए
अब पता उसका बताना तो चाहिए

दिल जगाकर नींद में ख़्वाबों को सुला
ये जहाँ अपना बनाना तो चाहिए

दिन निकलते ही जगाते हो तुम किसे
शाम को आ कर बताना तो चाहिए

रोकती है गर नुमाइश थकने से तब
इस अता से घर बनाना तो चाहिए

आपबीती, आदतन या बीमार है
दर्द कितना है बताना तो चाहिए

आसमाँ से गुफ़्तुगू होती ही नहीं
लड़ झगड़ने को ज़माना तो चाहिए

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *