हिन्दी साहित्य आदिकाल से लेकर आज तक के दो हज़ार वर्ष से भी अधिक का एक दीर्घकालिक समयांतराल पार कर चुका है। इस दौरान इसमें कई आंदोलन हुए, कई विचारधाराओं ने जन्म लिया तथा अपनी साँसें स्वर्णिम इतिहास के रूप… Read More

हिन्दी साहित्य आदिकाल से लेकर आज तक के दो हज़ार वर्ष से भी अधिक का एक दीर्घकालिक समयांतराल पार कर चुका है। इस दौरान इसमें कई आंदोलन हुए, कई विचारधाराओं ने जन्म लिया तथा अपनी साँसें स्वर्णिम इतिहास के रूप… Read More
यह पृथ्वी अनेक विचित्रताओं से युक्त है। और उतना ही विचित्र और रहस्यों स युक्त हैं यह ब्रह्मांड, उसके चराचर जीव जगत। मनुष्य का जब से जन्म अथवा उद्भव हुआ है तब से लेकर अब तक उसने कई आविष्कार किए… Read More
ढाई आखर का शब्द ‘प्रेम’ विश्व साहित्य में शायद सर्वाधिक चर्चित या कि विवादित रहता आया है। पुराख्यानों से लगायत अधुनातन साहित्य तक काव्य और कथा सर्जना के केन्द्रीय तत्व के रूप में प्रेम को व्यापक स्वीकृति एवं अभिव्यक्ति मिलना… Read More