dhup

कविता : इंसान की जिंदगी

इंसान ही इंसान को लाता है। इंसान ही इंसान को सिखाता है। इंसान ही इंसानियत समझता है। इंसान ही इंसान को मिटाता है।। देखो कही धूप कही छाव है कही ख़ुशी कही गम है। फिर भी इंसान ही क्यों इस… Read More

nirchawar

कविता : खरा उतरु

धरा पर जन्म लेकर किया उपकार जो तुमने। बहुत से पापीयों का किया संग्रहार जो तुमने। इसलिए तो धरा पर बनी है आस्था अब तक। और करते है पूजा-भक्ति लोग हर त्यौहार पर।। पूजते है तुझे हर मजहब के लोग।… Read More

kalpana

कविता : मौसम से याद आई

बदलते मौसम का अंदाज बहुत ही रंग लाता है। फिर पूरे वायु मंडल में घटायओं को बिखेर देते। तभी तो पेड़ पौधे फूल सभी लहरा उठते है। और मंद मंद हवाओं से बिखेर देते है खुशबू को।। नजारा देख ये… Read More

mohabbat

कविता : दिल डोलता है

तेरे हाव भाव देखकर मेरा दिल डोल रहा है। और तेरी आँखो में स्वयं को देख रहा।। इसलिए दिल के अंदर अजीब सी बेचैनी है। समझ में हम लोगों को क्या कुछ आ रहा। या फिर जवानी में ये सब… Read More

orkit

कविता : कहानी फूलों की

नजारा देखकर यहाँ का दिल रुकने को कहता है। फूलो के बाग में देखो भवरा कुछ कहता है। तभी तो झूलते फूलों से महक बहुत आती है। जो मोहब्बत करने वालों को बहुत लूभाते है।। देखो तो फूलों की किस्मत… Read More

yadee(1)

कविता : अंजान की खोज

मोहब्बत करने वाले अंजाम से नहीं डरते। जब मिल जाते है उनके किसीसे अंजान से नैन। तो दिलमें आग सी उनके अंदर लग जाती है। फिर उसी आगे के पीछे लगा देते अपना जीवन।। मोहब्बत वो नशा है जिस पर… Read More

yade

कविता : नहीं जाना दुनियाँ को

किसी के दर्द को तुम कभी मेहसूस करो तुम। तो जिंदगी की सच्चाई तुम्हें समझ आयेगी। तभी तुम दुनियाँ को सही में जान पाओगें। फिर हो सकता की तुम खुदको पहचान पाओगें।। बहुत जालीम है लोगों हमारी ये दुनियाँ। जिसे… Read More

love(2)

कविता : राह आसान नहीं

हो अगर रात सुहानी तो दिन सुहाना लगता है। हर किसी की किस्मत में ये लम्हा कहाँ आता है। ये तो शुक्र है मोहब्बत का जिसके कारण ये लम्हें आते है। कुछ की जिंदगी साभर जाती तो कुछ की बिगड़… Read More

dil(1)

कविता : कल के चलते

जिंदगी गुजर गई कल के इंतजार में। पर आज तक तो कल आया ही नहीं। दुनियाँ के इतिहास में कल कभी आया नहीं। क्योंकि कल किसी के जीवन में आयेगा ही नहीं।। कल के चक्कर में न जाने कितने काल… Read More

mohabat

कविता : ये है मोहब्बत

कही पर दिल है कही पर जान है। जुबा से भी दोनों हम एक जान है। करनी कथनी में भी हम दोनों समान है। इसलिए दुनियां मेें यारो हम दोनों साथ है।। मत देखो हमें यारो दो जिस्म की तरह।… Read More