poem ye hawa le chal kahi

कविता : ऐ हवा ले चल कहि

ऐ हवा ले चल कहि, इस शोर से दूर कहि!! कड़वा है हर लहज़ा यहाँ, जहां हो मिठास कहि!! है यहाँ आपसी मतभेद, ना हो जहाँ बैर कहि!! ऐ हवा ले चल कहि, इस शोर से दूर कहि!! हर जगह… Read More

poem rakhi

कविता : बहन का प्यार है राखी

भाई का लाढ है राखी, बहन का प्यार है राखी!! लड़ना और फिर झकड़ना, बहन को खुश रखना है राखी!! कहि भाई का बलिदान है, तो बहन का गौरव है राखी!! बॉर्डर पर जो तैनात है सिपाही, उस बहन का… Read More