मेरा नाम सैयद मोहम्मद जावेद रिजवी (अली) है।  मैं एक इवैंट मैनेजर हूँ।  मैं  मुजफ्फरपुर बिहार के मिडिल क्लास फैमिली से हूँ।  मेरे पिता सैयद ताहिर हुसैन ओसवाल कंपनी में जॉब करते थे। फिलहाल वो घर पर ही रहते हैं। माँ सैयद कुरेशी बानों होम मेकर हैं और एक बड़ी बहन है।  मैं अपने घर में सबसे छोटा हूँ।  

          बिहार में स्कूलिंग खत्म करने के बाद मैंने बीबीए करने का डिसीजन लिया।  8 अगस्त 2013 को मैंने मैनेजमेंट के जाने माने कॉलेज आईटीएस मोहन नगर गाजियाबाद में बीबीए में एडमिशन ले लिया। हमारे कॉलेज में हर कुछ दिन के अंदर अंदर कोई न कोई सेलिब्रिटी आता रहता था।  कभी सिंगर के कॉन्सर्ट होते थे तो कभी सेलिब्रिटी नाइट आउटकट।  यह सब देख कर मेरा इंटरेस्ट बढ़ गया इवेंट मैनेजमेंट की तरफ। मैं बहुत इंटरेस्टेड हो गया यह सब जानने के लिए कैसे सेलिब्रिटी को कांटेक्ट करके बुलाया जाता है?  आखिर क्या इवैंट  वर्क में होता है?  मैंने सोच लिया था कि मुझे अपना फ्यूचर इसी लाइन में बनाना है।

          एक दिन मैं कॉलेज खत्म करके अपने फ्लैट पर आया, सोचने लगा कि आखिर कैसे इनीशिएट करूँ इस काम को फिर मेरा ध्यान अपने सेल फोन की तरफ गया।  मैंने देखा मेरी फेसबुक अकाउंट में पहले से कुछ जाने-माने सेलेब्स हैं, फिर मैंने धीरे-धीरे और सेलेब्स को एड करना स्टार्ट किया।

          इसमें मुझे बहुत वक्त लग गया, मैंने लाइन मॉडल, सिंगर, एक्टर, डायरेक्टर को एड करना स्टार्ट कर दिया।  फिर मैंने एक अपना नाम और काम का मैसेज रेडी किया  और सेंड किया सबको मगर कोई रिजल्ट नहीं आया मगर मैं हर दिन हर वक्त ट्राई करता रहता था। फिर एक दिन एजाज़ सर का कॉल आया जो कि एक डायरेक्टर हैं। उन्होंने मुझसे बात की और बताया कि मेरे लगातार किए गए मैसेज को देख के उन्होंने कॉल किया है। वो मुझे कभी मिले नहीं थे मगर उन्होंने बहुत कुछ बताया और आमीन चंद्राकर सर का और नंबर दिया। आमीन सर क्रोज़ि चाप्स इवैंट कंपनी के ओनर है। आमीन सर से बात किया। सर ने बोला तुम बस मेहनत और ईमानदारी के साथ काम करो कामयाबी मिलेगी। मैं हर रोज़ कॉलेज से आता और फेसबुक से सबको कांटेक्ट करता कि कहीं से काम आ जाए। मैंने लिस्ट बनाया उन स्कूल ,कॉलेज मॉल के जो सेलिब्रिटीस का इवैंट कराते हैं। मगर फिर भी कोई रिजल्ट नहीं मिला फिर एक दिन मैं जल्दी सो गया कि कुछ काम नहीं मिल रहा रिस्पांस नहीं आ रहा।  किसी का अचानक फोन रिंग हुई उठाया तो इंदु मेम थी जो कि के डायरेक्टर हैं।  

          उन्होंने रिक्वाइरमेंट बताई, बस ये सुनते ही मेरे अंदर खुशियों की लहर दौड़ गई मैंने, प्रोड्यूसर सैयद आसिफ सर को कॉल किया बताया और वह पहले वाला इवैंट बाई द ग्रेस ऑफ गॉड सक्सेसफुल रहा और मुझे एस ए सेलिब्रिटी मैनेजर पहली कमाई मिली पंद्रह हजार रुपए।

          मेरा कॉन्फ़िडेंस बढ़ा, मैंने आमीन सर को किया बताया, वो बहुत खुश हुए उनको लगा मुझमे कोई बात है, कुछ ही दिनों में आमीन सर का मुझे कॉल आया, उन्होंने बताया कि राजस्थान के सिकार शहर में एक इवैंट करना हैं तो  में सेलेब्रिटी होंगे और कुछ डांस परफ़ोर्मेंन्स होगी क्यूमैक्स पावर प्रिसेंट बॉलीवुड धमाल इवैंट बहुत सक्सेसफुल रहा। इस इवैंट के बाद एक के बाद इवैंट का काम मिलने लगा। मेहनत रंग लाने लगी यहाँ तक कि मेरे कॉलेज के डाइरेक्टर ने मुझे इवैंट के रेगर्डिंग कॉल किया। 

          इसी बीच कॉलेज भी जाता एक्जाम भी देता फिर कॉलेज ओवर होते ही मेरी फिलिप्कार्ट में प्लेसमेंट हो गई। कुछ मंथ जॉब करने के बाद एक बहुत बड़ा इवैंट मिला। द इंडो-नेपाल फ्रेंड्शिप इवैंट स्पोंसरड बाई इंडियन टूरिस्म, नेपाल टूरिस्म, नेपाल एयरलाइन आदि।  उस इवैंट में मैं फोल्क डांसर को लेके गया था लाइक भांगड़ा डांसर गिद्दा, राजस्थानी डांसर और सिंगर, रशियन डांसर, बॉलीवुड सिंगर सोनालिका, जूनियर रितिक रोशन, जूनियर सलमान इनसब को काठमांडू, नेपाल। इवैंट 25 दिसंबर 2016 से 1जनवरी 2017 तक चला। न्यू इयर वहीं सेलिब्रेट किया। इस इवैंट के लिए मैंने अपनी जॉब छोड़ दी और ये इवैंट बहुत सक्सेसफुल रहा। दिल्ली वापस आके मेरे इन्टरेस्ट वैडिंग इवैंटस की तरफ बढ़ने लगा। मैंने दिल्ली के एक वैडिंग इवैंट कंपनी में एस एन ओपरेशनल मैनेजर जॉब ले ली ताकि कुछ सीख सकूँ। इसी बीच बनारस यू पी मे एक इवैंट किया। अल्ताफ राजा और क़व्वाल टीना परवीन के साथ ये इवैंट करके जॉब मे लोटा तो सोच लिया की अब मैं ये सब एवेंट्स बिहार जाके करूंगा बिहार में भी ऐसे सेलिब्रिटी इवैंटस करने चाहिए,  स्कूल्स में फंगशनस ओर्गानाइज कराने चाहिए। जून 2017  में मैं अपने घर बिहार में आ गया। यहाँ सब कुछ अलग था। फिर से  सब कुछ शुरू से स्टार्ट करना पड़ा। कुछ इवैंट खुद कराए, हाँ मैं बहुत लकी हूँ की मेरी फॅमिली ने मुझे बहुत सपोर्ट किया। कुछ दिन बाद मुझे माउंट लिटरा ज़ी स्कूल से जुडने का अवसर मिला, बैक टू बैक दो सक्सेसफुल इवैंट किए ओर इसके बाद स्कूल ओपेनिंग सेरेमोनी, फंगशन्स, कंपटीशन्स कराए। बहुत मेहनत के बाद इस मुकाम पर पहुंचा हूँ। बस ये बोलना चाहता हूँ की कोई काम मुश्किल नहीं होता है अगर आप ठान लें, बस मेहनत और ईमानदारी दिखानी पड़ती है।

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One thought on “युवा पहचान : मिलिए मुजफ्फरपुर के युवा इवैंट ऑर्गनाईजर ‘सैयद अली रिजवी’ से”

  1. मेरे भैया ने मेहनत और पूरी ईमानदारी से अपना काम किया है
    अल्लाह के करम से आज मेरे भैया जो इस मुक़ाम पर है जिससे हमे बहुत ख़ुशी होती है
    भाई हम शान से कहते है की हम उनके छोटे भाई है ।

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