कच्चे हैं हम, मगर सच्चे हैं हम,
प्यारे-प्यारे छोटे बच्चे हैं हम…2

गुलशन में कितने ही रंग से खिले,
माला में गुंथे बड़े अच्छे हैं हम।
कच्चे हैं हम मगर सच्चे हैं हम।

भारत की हम शान बनें,
मान और अभिमान है हम…2
इस देश की हम रक्षा करें,
छोटे सैनिक बड़े न्यारे है हम।
नन्हें हैं हम मगर कम तो नहीँ,
सब मिलके गुलशन सवांरेंगें हम।
कच्चे हैं हम, मगर सच्चे हैं हम,
प्यारे प्यारे छोटे बच्चे हैं हम…2

गुलशन में कितने ही रंग से खिले,
माला में गुंथे बड़े अच्छे हैं हम।
कच्चे हैं हम मगर सच्चे हैं हम।
पढ़-लिख-बढ़ हम लायक बनें, करते है प्रण आज हम…2
भारत तरक्की के पथ पर बढ़े, कदमों से कदम मिलाएंगे हम।
दुश्मन जो डाले गर टेडी नज़र, तो उसको सबक सिखला देंगें हम।
कच्चे हैं हम, मगर सच्चे हैं हम,
प्यारे-प्यारे छोटे बच्चे हैं हम…2

गुलशन में कितने ही रंग से खिले,
माला में गुंथे बड़े अच्छे है हम।
कच्चे है हम मगर सच्चे है हम।
यूँ हम भी बैठे है तन के, अपनी संस्कृति के संग…2
रंगों में यूँ हम रंग से भरे, रंगों में जैसे मिल जाये है रंग।
इज्जत स्वाभिमान सब दिल में बसा, तारों से आगे बढ़ाएं कदम।
कच्चे हैं हम मगर सच्चे हैं हम,
प्यारे-प्यारे छोटे बच्चे हैं हम

गुलशन में कितने ही रंग से खिले,
माला में गुंथे बड़े अच्छे हैं हम,
कच्चे हैं हम मगर सच्चे हैं हम

(बाल-दिवस, 14 नवम्बर पर देश के सभी नन्हें-मुन्ने नौनिहालों को समर्पित मेरा ये बालगीत)

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