kalyan ka path

छोड़कर सब कुछ अपना
शरण तुम्हारी आया हूँ।
अब अपनाओं या ठुकराओं
तुम्हें ही निर्णय करना है।
मेरी तो एक ही ख़्यास
गुरुवर तुम से है।
की अपने चरणों में
मुझे जगह तुम दे दो।।

किया बहुत काला गोरा
मैंने अपने जीवन में।
कमाया बहुत पैसा
मैंने अपनी करनी से।
पर मुझको मिली नहीं
कभी भी मन में शांति।
जो तेरा दर्शन करके
मिला मुझको जो सुकून।।

ये दौलत और शोहरत
सभी कुछ बेकार है।
कमा लो जितना भी तुम
अपने जीवन में यहाँ।
यही छोड़ जाओगें सारी
अपनी दौलत शोहरत को।
तेरे संग जाएंगे केवल
तेरे किये गये कर्म।।

तेरे कर्मों के कारण ही
तुझे मिलेगा नया जन्म।
और अपनी करनी का
तुझे भोगना होगा फल।
यदि किया होगा तुमने
जीवन में कुछ दानधर्म।
तो अच्छी पर्याय पाओगें
फिर से लेकर मनुष्य जन्म।।

धर्म से बढक़र जीवन में
और कुछ होता ही नहीं।
धर्म पर चलने से तुमको
मिलेगा मुक्ति का पथ।
इसलिए समझ लो तुम
पैसा ही सब कुछ नहीं।
जीवन जीने का आनंद
धर्म ध्यान करने से मिलता।।

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