रंगो का त्यौहार है
फूलो की बरसात है
जीवन में उमंगो को जगाने
रंग रसिया आया मेरे द्वार है।।
ओ रंग रसिया
तुम्हे कैसे रंग लगाए
और कैसे खेले होली?
स्नेह बेशुमार है,
सात रंगों की फूआर है
प्रेम मोहब्बत को बरसाता
यह त्यौहार है।।
खड़ा कोरोना हाथ फैलाए
लिए पेशेंटो की भरमार ।।
दो गज की दूरी रख
कैसे खेलु में होली रै
बिना मास्क के ही
धूम मचाए हुड़दंगों की
टोली रै।।
रंग गुलाल से
झूमे टोला – टोली रै
होली के रंग में भीगे
छोरा – छोरी रै ।।
होली के रसिया
बरजोरी के रसिया
तेरे संग प्रीत में खॆलू
हंसी ठिठोली की होली रै ।।
गुजिया मिठाई का
भोग लगाऊं
कैसर तिलक ,
गुलाल लगाऊं
प्रेम से तुझे रिझाऊं
ओ रंग रसिया तेरे संग
ख़ेलू ।।में होली रै।।