तेरी यादों को अब तक,
दिल से लगाये बैठा हूँ।
सपनों की दुनियाँ में,
अभी तक डूबा हुआ हूँ।
दिल को यकीन नही होता,
की तुम गैर की हो चुकी हो।
और हक़ीकत की दुनियाँ से,
बहुत दूर निकल गई हो।।
मुमकिन नहीं की,
मोहब्बत परवान चढ़ेंगी।
तुम तो उसे दिल से,
चाह रहे हो।
पर उसकी निगाह,
किसी ओर पर लगी हैं।
और उसे लुभाने के लिए,
तुम्हारे दिल से खेल रही हो।।
अक्सर ऐसा देखा गया,
मोहब्बत किसी और से।
और दिल्लगी किसी,
ओर से करते है।
और अपनी निगाहों से
दो को घायल करते है।
ऐसे लोग प्यार मोहब्बत को खेल समझते हैं।
और जमाने के लोग
इन्हें मूर्ख समझते है।।
क्योंकि ऐसे लोग,
प्यार का मतलब जानते नहीं।
फिर भी दिल की बातें करते हैं।
और मोहब्बत को मजाक बनाते हैं।
और अपनी जग हासाई खुद करवाते है।।