दीपक में अगर नूर न होता
तन्हा दिल ये मजबूर न होता
मैं आपको ईद मुबारक कहने जरूर आता
अगर आपका घर इतना दूर न होता
सदा हंसते रहो जैसे हसते है फूल
दुनिया के सारे गम तुम जाओ भूल
चारों तरफ फैंलाओ खुशियों के गीत
इसी उम्मीद के साथ तुम्हें मुबारक हो ईद
आप सभी को साहित्य सिनेमा सेतु परिवार की तरफ से ईद मुबारक ।