अगर जिंदगी ना होती तो ये फ़साने ना होते,
ना दर्द होते ना दुःख कभी नसीब में होते!!
रोजाना ऑफिस जाने के झंझट से दूर रहता,
ना हर सुबह जल्दी उठने को फिक्रमंद होते!!
ना महीने की सैलरी पाने पर खुश होता,
ना रुपये कोई घर खर्च में खत्म होते!!
ना किसी से महोब्बत कर पाते हम कभी,
ना दिल टूटने पर कभी आँसू बहाते!!
ना कोई गम में जीते ना रोते कभी तन्हाई में,
ना फिक्र होती ना जिंदगी में कभी उदास होते!!
जिंदगी भी एक हसीन ख़्वाब हो जाती,
ना रूठना किसी का,ना आँखों में कभी आँसू होते!!
अफ़सोस हसीं ख़्वाब है कहां ये पूरे होते,
रात को मुकम्मल ओर सवेरे को राख हो जाते!!
अपनी जिंदगी के भी कहां अब मायने होते,
कलम से अनुज कहां अब ख़ुद ग़ज़ल लिख पाते!!