तुझे मेरी मोहब्बत में यकीन न आया
मुझे तेरी मोहब्बत के सिवा न आया
आज फिर से पशेमां रह गया दरिया अपना
मुझे प्यास बुझाने का हुनर न आया
सन्नाटे सी हो गई हैं गलिया अपनी
खनक पायल के सिवा कुछ न आया
हो गई हैं नीद अब पराई अपनी
मुझे तारे गिनने के सिवा कुछ न आया
रह गई हैं अकेली अब गालिया अपनी
रह गया सफऱ हमसफ़र न आया
मालूम हैं तिलांजली दे गए हैं मुझको
फिर भी तेरी रहमत के सिवा कुछ न आया
टूट के चूर हुआ हैं आईना अपना
फिर भी यार तेरी सूरत के सिवा कुछ न पाया।

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2 thoughts on “गीत : तुझे मेरी मोहब्बत में”

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