सावन के मास में वो, शिवजी पर जल ढारत है। बेल पत्ती और फूलों से, पूजा नित्यदिन करती हैं। मनोकामना पूरी कर दो, सावन के इस महीने में। मिलवा दो प्रभु अब मुझे, उस जीवन साथी से। जिसके सपने देख… Read More
सावन के मास में वो, शिवजी पर जल ढारत है। बेल पत्ती और फूलों से, पूजा नित्यदिन करती हैं। मनोकामना पूरी कर दो, सावन के इस महीने में। मिलवा दो प्रभु अब मुझे, उस जीवन साथी से। जिसके सपने देख… Read More
सावन का महीना चल रहा शिव-पार्वती जी का आराम। गृहस्थ और कुवारों को भी काम काज से मिली है छुट्टी। जिसके चलते कर सकते है शिव पार्वती जी की भक्ति। श्रध्दा भक्ति हो गई कबूल तो मिल जायेंगे साक्षात तुम्हें… Read More
बड़ी ही अजीब किस्सा रहा मेरी जिंदगी का। वो मुझे चाह कर अपने पास बुलाते रहे। पर मैं अपने आपको और कुछ समझता रहा। और उनकी चाहत को हंसी में उड़ाता रहा।। कहते है वक्त सदा एक जैसा नहीं होता।… Read More
भक्ति मैं करता तेरे साझ और सबेरे। चरण पखारू तेरे साझ और सबरे। चरण पखारू तेरे साझा और सबरे। तेरे मंद मंद दो नैन मेरे मनको दे रहे चैन। तेरे मंद मंद दो नैन…। क्या ज्ञान क्या अज्ञानी जन, आते… Read More
मोम की तरह पूरी रात दिल रोशनी से पिघलता रहा। पर वो इस हसीन रात को नहीं आये मेरे दिल में। मैं जलती रही और नीचे फिरसे जमती रही। फिरसे उनके लिए जलने और उनके दिलमें जमाने के लिए।। हर… Read More
बचपन खोकर आई जवानी साथ में लाई रंग अनेक। दिलको दिलसे मिलाने को देखो आ गई अब ये जवानी। अंग अंग अब मेरा फाड़कता आता जब सावन का महीना। नये नये जोड़ो को देखकर मेरा भी दिल खिल उठता।। अंदर… Read More
कुछ खोता हूँ कुछ पाने को कुछ खाता हूँ जीने को। पर क्यों नहीं बच पाता हे मानव तू अपने कर्मो से। दान दया धर्म आदि भी तू आज कल बहुत कर रहा। पर वर्षो से जो कर रहा था… Read More
जो डरता है स्वयं से उसे सफलता मिलती है। और समझ पता है वो इस कलयुगी संसार को। डराने धमकाने वाले तो बहुत है घर बहार में। पर जो स्वयं से डरता है वो औरों से क्या डरेगा। तभी तो… Read More
सफर में हम निकले है बहुत दिनों के बाद। छुट गई है अब आदत लोकल में चलने की। पहले ही जिंदगी की आधी उम्र निकल दिये है। मुंबई की लोकल ट्रेन में हम चल चल कर।। कैसे किया जिंदगी को… Read More
बहुत बेचैन रहकर के जीआ हूँ अब तक मैं। तन्हाईयों ने भी मेरा दिया है साथ इसमें। तभी तो अव्यवस्थित बना रहा मेरा जीवन। किसे मैं दोष दू इसका नहीं कर सका फैसला।। बहुत मायूस जब होता हूँ तो चला… Read More