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कविता : अभी भी वक्त है

ये कैसा दौर है अभी सब दर्द दर्द है, खामोश आँसुओं के मुख विषाद सर्द है। सब जी रहे तड़प-तड़प कुसूर का पता, लगा रहे सभी सम्भल अभी वो लापता। जब मौत नाचती है सिर पे यादें लौटती, किया था… Read More