अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर आज उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी के राजर्षि सेमिनार हॉल में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, इंडियन बैंक, वाराणसी तथा राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, यू.पी.कॉलेज, वाराणसी के संयुक्त तत्त्वावधान में आशुभाषण प्रतियोगिता तथा साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि आज आधुनिकता और दिखावे की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण भारत सहित पूरी दुनिया की अनेक मातृभाषाएं अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं। मातृभाषाओं पर आने वाले इसी संकट को देखते हुए भाषाई विविधता के संरक्षण के उद्देश्य से यूनेस्को ने 21 फरवरी को अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में घोषित किया। प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह ने आगे यह भी कहा कि हिंदुस्तान में स्कूल और कॉलेज अपनी रुढ़ मानसिकता के कारण मातृभाषाओं के विकास में सहायक न होकर एक प्रकार से बाधक ही बन रहे हैं।
आयोजन के आरंभ में राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न विषयों पर निर्धारित समय सीमा के भीतर आशुभाषण के माध्यम से अपनी प्रतिभा और वक्तृत्व कला का परिचय दिया है। इस अवसर पर इंडियन बैंक के श्री निशांत कुमार शर्मा ने साइबर सुरक्षा के बारे उपस्थित छात्र-छात्राओं और प्राध्यापकों को बताया कि किन किन उपायों से इस तरह के क्राइम का शिकार होने से बचा जा सकता है। इंडियन बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में राजभाषा अधिकारी श्री सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने अतिथियों का स्वागत किया। समारोह के आरंभ में इंडियन बैंक, यू.पी. कॉलेज कैम्पस शाखा के मुख्य प्रबंधक श्री विकास कुमार ने अतिथियों को शाल और पुस्तक भेंट कर उनका सम्मान किया। आज के आयोजन में सम्पन्न होने वाली आशुभाषण प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों के नाम की घोषणा बैंक ऑफ बड़ौदा के नराकाश सचिव श्री प्रभात कुमार भारती ने किया।
आज के इस आयोजन का संचालन डॉ. अग्नि प्रकाश शर्मा ने किया तथा धन्यवाद प्रो. गोरखनाथ ने दिया। इस अवसर पर प्रो. सुधीर कुमार राय, डॉ. आनंद राघव चौबे, श्री ए. के. सिंह, डॉ. प्रदीप कुमार सिंह, सुश्री श्वेता सोनकर सहित बड़ी संख्या में एन.एस.एस. तथा महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।