चलो दिलदार चलो चाँद के पार चलो
हम हैं तैयार चलो
कैफ़ भोपाली ने पाकीज़ा फ़िल्म के लिए जब यह गीत लिखा होगा तब उन्होंने सपने में भी यह नहीं सोचा होगा कि वाकई हम हिंदुस्तानी चाँद के पार और चाँद पर भी जा सकते हैं। विगत सप्ताह चन्द्रयान-2 का मिशन जब शुरू नहीं हो पाया था, उस समय लग रहा था कि यह मिशन अब लम्बे समय के लिए टल गया है लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों के जज़्बे को सर झुकाकर नमन करने को जी करता है, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया कि चन्द्रयान मिशन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त समय की अन्तिम तिथि अर्थात आज हर हाल में यह मिशन गति पकड़ ले।
चन्द्रयान अपने साथ में लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान भी लेकर जा रहा है, जिनके नामकरण मात्र से हम रोमांचित हैं। विक्रम बल का प्रतीक है तो विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि भी देता है और प्रज्ञान भारत की अपरिमित मेधा का प्रतीक है, जिसका कृत्रिम इंटेलिजेंस ज़बरदस्त है। आइए उम्मीद करें कि प्रज्ञान वहाँ शयनित होने से पहले ऐसी महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ दे, जिनसे मानवता का कल्याण हो और भारतवर्ष के ज्ञान का डंका दुनिया में बजे और यह घटना भारत के विश्वगुरु बनने की दिशा का प्रस्थानबिंदु सिद्ध हो।
जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान।