शुभ श्रावण मास, शिव तत्व विचार,
जहाँ शिव हैं, नंदी भी साथ धार।।
जहाँ धर्म है, शिव भी वास करें,
जहाँ शिव हैं, धर्म का प्रकाश भरे।।
शिवजी का वाहन वृषभ धर्म स्वरूप,
धर्म की सवारी, शिव करते अनूप।।
जीवन उत्थान, मंगल के लिए,
धर्म आवश्यक, जीवन में हित जिए।।
पशु को लगाम, मनुष्य को धर्म नियंत्रित करे,
जीवन ऊर्जा का उपयोग धर्म सिखायें।।
ज्ञानी व्यक्ति अनासक्त कर्म करे,
कर्म बंधनों से मुक्ति पा जीवन भरें।।
भगवान भोलेनाथ का जीवन उपदेश,
धर्म का अवलंबन, कर्म में प्रवेश।।
मुक्ति मिले कर्म बंधनों से आज,
हर हर महादेव, शुभ मंगलमय काज।।
नंदी के साथ शिव की लीला अपरंपार,
धर्म के मार्ग पर चले सब संसार।।
मन को नियंत्रित करें धर्म का सार,
जीवन में मंगल हो, हर हर महादेव धार।।